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टीएमबीयू के शिक्षकों की पुस्तकें सेंट्रल लाइब्रेरी में होंगी डिस्प्ले, नई पुस्तक लिखने के लिए शिक्षकों को किया जाएगा प्रोत्साहित

टीएमबीयू के शिक्षकों की पुस्तकें सेंट्रल लाइब्रेरी में डिस्पले होंगी। ताकि उसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो सके। जो शिक्षक पुस्तक के लिख रहे हैं। उसका लोकार्पण विश्वविद्यालय अपने स्तर से कराएगी। इसके लिए शिक्षकोंं को प्रोत्‍साहित भी किया जाएगा।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 07:40 AM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 07:40 AM (IST)
टीएमबीयू के शिक्षकों की पुस्तकें सेंट्रल लाइब्रेरी में होंगी डिस्प्ले, नई पुस्तक लिखने के लिए शिक्षकों को किया जाएगा प्रोत्साहित
टीएमबीयू के शिक्षकों की पुस्तकें सेंट्रल लाइब्रेरी में डिस्पले होंगी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने शुक्रवार को चार विभागों के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकों के साथ ऑनलाइन बैठक की। कुलपति ने पीजी मैथिली, संस्कृत, दर्शनशास्त्र और उर्दू के हेड समेत अन्य शिक्षकों के एकेडमिक कैरियर के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के जिन शिक्षकों की पुस्तकें प्रकाशित हो रही है। उसे केंद्रीय पुस्तकालय में डिस्प्ले के लिए रखा जाएगा, ताकि उसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो सके। जो शिक्षक पुस्तक के लिख रहे हैं। उसका लोकार्पण विश्वविद्यालय अपने स्तर से कराएगी।

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पीजी संस्कृत की विभागाध्यक्ष डॉ. सुलेखा कुमारी ने विभाग की समस्याओं से कुलपति को अवगत कराया। कुलपति ने मैथिली के विभागाध्यक्ष डॉ. शिव प्रसाद यादव से विभाग के बारे में जानकारी ली। किन-किन कॉलेजों में मैथिली की पढ़ाई होती है इसके बारे में भी पूछा। हेड ने बताया कि विभाग में मैथिली के शिक्षकों का कोई भी पद सृजित नहीं है। जबकि इसके लिए कई बार पत्र भेजा जा चुका है। सबौर कॉलेज में मैथिली के शिक्षकों के तीन पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में कोई शिक्षक नहीं होने की बात कही। हेड ने वहां अतिथि शिक्षकों की मांग की है।

डॉ. यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में वर्षों से डिलीट की उपाधि बंद पड़ी हुई है। जिसे शुरू करने की जरूरत है। कुलपति ने उनका आग्रह मानकर लिखित प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा है। प्रमोद पांडे ने भाषा विज्ञान का सेंटर खोलने का अनुरोध करते हुए डिप्लोमा कोर्स शुरू करने का आग्रह किया है। कुलपति ने इस पर भी सकारात्मक आश्वासन दिया है। पीजी दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. आरआर तिवारी ने विभाग की गतिविधियों और समस्याओं से कुलपति को अवगत कराया।

पीजी उर्दू की विभागाध्यक्ष जयाउल इस्लाम रिजवी ने विभाग की समस्याओं से कुलपति को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के लिए वे सभी विभागों में जाएंगी और वहां की समस्याओं को खुद भी देखेंगी। उन्होंने कहा कि लैंग्वेज विभागों की एक अलग से मीङ्क्षटग बुलाई जाएगी, ताकि इसे बढ़ावा दिया जा सके। बैठक का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. निरंजन प्रसाद यादव ने किया। यह जानकारी पीआरओ डॉ. दीपक कुमार दिनकर ने दी।  


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