हर कदम पर ग्राहकों को मिला साथ, ऊंचाइओं पर पहुंचा कारोबार
भागलपुर मुंगेर और बांका जिलों चार लाख से ज्यादा मकान प्रभात केजरीवाल के सामानों से खड़ा हुआ है। जानिए... भागलपुर शहर के प्रतिष्ठित भवन निर्माण सामग्री के विक्रेता बोनटेक्स इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक प्रभात केजरीवाल की सफलता की कहानी।
भागलपुर [रजनीश]। करियर में सफलता के पीछे शिक्षक और गुरुजी का अहम योगदान होता है, उसी तरह व्यापार में सफल होने के लिए ग्राहकों का विश्वास और भरोसा भी बहुत जरूरी है। छोटा हो या बड़ा व्यवसाय बिना ग्राहक के सपोर्ट के सफल नहीं बन सकते। ग्राहक ही व्यापार की असल पूंजी है। शहर के प्रतिष्ठित भवन निर्माण सामग्री के विक्रेता बोनटेक्स इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक प्रभात केजरीवाल की सफलता की कहानी कुछ इसी तरह है। आज के सफल कारोबारी होने के पीछे ग्राहकों का ही योगदान है। कोरोबार का आकार बढऩे के साथ-साथ ग्राहकों की संख्या में भी हर दिन इजाफा होता चला गया। आज इलाके में इनकी एक सफल कारोबारी अथवा उद्यमी में इनकी गिनती है। ईश्वर की कृपा से आज इनके पास मकान, गाड़ी और अन्य सुख सुविधाएं मौजूद हैं। यह लगातार मौजूदा संसाधनों का उपयोग कर के ही कारोबार को आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटे रहते हैं। प्रभात केजरीवाल बताते हैं कि पिताजी स्व. आत्माराम केजरीवाल ने कारोबार शुरू किया था। उनके गुजर जाने के बाद पिता की दी गई विरासत को संभाला और बढ़ाया। ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध और तालमेल की वजह से उनके कारोबार की पहचान भागलपुर के अलावा दूसरे जिलों में है। लॉकडाउन के बाद भी ग्राहकों ने उनका साथ नहीं छोड़ा। पुरानी और विश्वनीय दुकान ग्राहकों के दिलों में बसा है।
चार लाख से ज्यादा इनके मटेरियल से खड़ी है इमारतें
प्रभात केजरीवाल ने बताया कि 30 वर्ष पहले 1990 से इस कारोबार में हूं। इसके अलावा दूसरे कारोबार भी है। भागलपुर के अलावा मुंगेर और बांका जिलों में चार लाख के करीब मकान-भवन का निर्माण बोनटेक्स इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड से गई भवन निर्माण सामग्री से हुई है। इन तीनों जिलों में 135 से भी ज्यादा डीलर हैं। देश की ब्रांडेड कंपनी की सीमेंट और सरिया के मुख्य विक्रेता हैं। डीलरों के साथ भावनात्मक लगाव और पारिवारिक संबंध है।
लॉकडाउन में भी आपूर्ति पूरी की
केजरीवाल बताते हैं कि लॉकडाउन में भवन-निर्माण सामग्रियों की बिक्री पर छूट थी। लॉकडाउन में भी ग्राहकों को हौसला पस्त नहीं होने दिया। जिन-जिन ग्राहकों ने फोन की उन्हें सामान डिलीवरी किया गया। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में कंपनियों और दुकानों में काम करने वाले कर्मियों की छंटनी हुई, लेकिन उन्होंने एक को भी नहीं हटाया। सभी कर्मचारी या स्टॉफ परिवार के सदस्य की तरह हैं। जिस तरह ग्राहक, डीलरों के साथ बेहतर संबंध है, उसी तरह का रिश्ता कर्मियों से है। हमेशा दूसरों की तरक्की के बारे में सोचता हूं। ग्राहक ही हमारे पूंजी है, इसलिए वह ईश्वर के समान हैं।