नौका हादसे के बाद नींद से जागा प्रशासन
भागलपुर । नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र में प्रशासनिक लापरवाही के कारण पहले भी नौका दुर्घटनाआ
भागलपुर । नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र में प्रशासनिक लापरवाही के कारण पहले भी नौका दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है। गुरुवार को गोपालपुर के करारी तिनंटगा पूर्वी घाट पर नाव पलटने की घटना में भी प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। उक्त नाव के परिचालन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था। अवैध रूप से लंबे समय से नाव का परिचालन किया जा रहा था। लेकिन प्रशासन ने कभी इसकी सुध नहीं ली। हादसा के बाद प्रशासन की नींद टूटी।
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गंगा-कोसी की गोद में बसा है नवगछिया अनुमंडल, हर दिन पड़ती है नौका की जरूरत नवगछिया अनुमंडल का पूरा इलाका कोसी एवं गंगा नदी की गोद में बसा है। गंगा एवं कोसी नदी कटरिया से नारायणपुर तक 50 किलोमीटर में फैला हुआ है। हजारों एकड़ जमीन कोसी नदी के पार है। अभी रवि फसल की बुआई का समय हैं। मुख्य रूप से मकई की खेती का समय है। किसानों को खेती के लिए हर दिन नदी पार कर जाना पड़ता है। लेकिन, इन किसानों की सुरक्षा का ध्यान प्रशासन द्वारा कभी रखा नहीं गया।
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गोपालपुर, रंगरा, इस्माइलपुर, नवगछिया, खरीक, बिहपुर और नारायणपुर में हो रहा अवैध परिचालन क्षेत्र में दर्जनों जगहों पर अवैध रूप से छोटी व बड़ी नाव का परिचालन होता है, जिस पर क्षमता से अधिक लोग सवार हो जाते हैं। इसकी जानकारी प्रशासन को भी रहती है। लेकिन, सभी आंखें मूंद लेते हैं। नतीजा, नाव हादसा में लोगों की जान चली जाती है। अब तक ऐसी दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं। गोपालपुर के करारी तिनटंगा घाट पर अभी चार जगहों पर अवैध रूप से नौका का परिचालन हो रहा हैं। इसके अलावा रंगरा के तिनटंगा दियारा में तीन स्थानों पर, सहोड़ा एवं कोशकीपुर सहोड़ा गांव के पास, इस्माइलपुर के विनोवा में, नवगछिया के रामदियरी विनोवा, विजय घाट, खरीक, बिहपुर, नारायणपुर प्रखंड में भी कई घाटों से नौका का अवैध परिचालन हो रहा है।
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नौका के अवैध परिचालन का रोका का आदेश नाव हादसा के बाद जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने सीओ को गंगा-कोसी नदी में अवैध रूप से चल रहे नाव पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। अवैध रूप से नौका परिचालन की सूचना पर वहां चौकीदारों को तैनात करने को कहा है।