BNMU: छह माह का कोर्स करने में लग रहे ढाई साल, तीन दशक बाद भी समय पर प्रवेश परीक्षा और रिजल्ट जारी नहीं कर सका विवि
मधेपुरा विवि में न तो समय पर परीक्षा हो रही है और न ही रिजल्ट जारी हो रहा है। नतीजा छह माह का कोर्स करने में छात्रों को ढाई साल लग रहे हैं। इस स्थिति में तीन दशक बाद भी सुधार नहीं हो सका है।
मधेपुरा [रवि कुमार संत]। बीएनएमयू (भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय) में छह माह का कोर्स करने में छात्रों को ढाई साल लग रहा है। यहां पीजी में सेमेस्टर सिस्टम तो कई वर्ष पहले सत्र 2014-16 से लागू हो चुका है। लेकिन इसका पालन अभी तक सही ढंग से नहीं हो रहा है। छह माह का सेमेस्टर सिस्टम में कई साल लग जाता है। स्थिति यह है कि न तो सही समय पर नामांकन हो पाता है न ही इस परीक्षा और न ही रिजल्ट का प्रकाशन। अब तक पीजी सत्र 2018-20 के छात्रों का नामांकन जुलाई 18 में व परीक्षा दिसंबर 18 में होना था। यह सेमेस्टर जून 21 तक क्लियर नहीं हो सका है। इसे छात्रों का दुर्भाग्य कहे कि फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षा को पांच महीने से अधिक का समय बीत गया पर रिजल्ट जारी नहीं हो सका है। जबकि छात्रों के कॉपी का मूल्यांकन भी कई महीने पूर्व हो चुका है। विवि परीक्षा अधिनियम के तहत परीक्षा संपन्न होने के 45 दिनों के अंदर परीक्षा परिणाम देना है। इस स्थिति से छात्रों में आक्रोश दिख रहा है। वहीं विवि प्रशासन का कहना है कि कोरोना के कारण सत्र नियमित करने में परेशानी हुई है।
आठ वर्षों में भी पटरी पर नहीं आ सका विवि में पीजी सेमेस्टर कोर्स बीएनएमयू में विभिन्न कोर्सों का सत्र विलंब रहने से छात्रों को परेशानी हो रही है। लेकिन 2014-16 से लागू सेमेस्टर सिस्टम पटरी पर नहीं आ सका है। विश्वविद्यालय की शिथिलता के कारण समय पर परीक्षा और परीक्षाफल प्रकाशित नहीं होने के कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय की मनमानी के कारण परीक्षा के पांच महीने पूरे होने के बाद भी रिजल्ट का प्रकाशन नहीं हो पाया है। जब छह महीने के सेमेस्टर को पूरा करने में विश्वविद्यालय में ढाई साल से अधिक का समय लग जाता है तो चारों सेमेस्टर को पूरा करने में कितना समय लगेगा।
बीएनएमयू में नामांकन करा कर बीच मंझधार में फंस गए हजारों छात्र
बीएनएमयू में स्नातकोत्तर सत्र 2019-20 प्रथम सेमेस्टर के छात्रों का नामांकन तो किसी तरह हो गया, लेकिन उसका परीक्षा फॉर्म नहीं भराया गया है। छात्रों ने बताया कि इस सत्र को दो वर्ष पहले पूरा होना था। अब तक परीक्षा फॉर्म नहीं भरे जाने के कारण छात्रों को संशय बना हुआ है। सत्र के विलंब होने से छात्र-छात्राओं काफी समस्या झेलनी पड़ रही है। बीएनएमयू में नामांकन करा कर छात्र बीच मंझधार में फंस गए हैं। पीजी सत्र 2018-20 प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा जनवरी में ही हुई थी। इसके लगभग 1800 छात्रों का रिजल्ट देने में भी इतना समय लग गया है। इधर, दो सेशन पहले से लेट है और अब स्नातक पार्ट थ्री रिजल्ट जारी होने के बाद 2020-22 में नामांकन की प्रक्रिया शुरू करना विवि के लिए चुनौती बना हुआ है।
15 विषयों में होती है पीजी की पढ़ाई
भूपेंद्र मंडल नारायण मंडल विश्व विद्यालय में सत्र विलंब रहने से छात्रों को दूसरे जगह जाकर पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है। बीएनएमयू में 15 विषयों की पीजी की पढ़ाई होती है। इन विषयों में नामांकित छात्रों का भविष्य अधर में है। बता दें कि पीजी की पढ़ाई सेमेस्टर सिस्टम से होती है। छह महीने का एक सेमेस्टर होता है। दो साल का पीजी पाठ्यक्रम है। दो साल में कुल चार सेमेस्टर होता है। एक सेमेस्टर यानी कि छह महीने में ही नामांकन, पढ़ाई, परीक्षा, परिणाम सब कुछ हो जाना चाहिए। पीजी सेशन 2018-20 तो काफी लेट है। इन छात्रों का सेशन जून 2020 में क्लियर हो जाना चाहिए। पीजी सेशन 2018-20 में नामांकन का कार्य बीएनएमयू ने डेढ़ वर्ष लेट दिसंबर 2019 से जनवरी 2020 तक की। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विवि छात्रों के भविष्य के प्रति कितनी सजग है।
लगातार दो वर्षों से बीएनएमयू ही नहीं पूरी देश दुनियां कोरोना से प्रभावित है। इसका असर पठन-पाठन से लेकर प्रवेश, परीक्षा और परिणाम प्रकाशन पर पड़ा है। विवि प्रशासन सत्र को नियमित करने की दिशा में ठोस पहल कर रही है।
डॉ. कपिलदेव प्रसाद, कुलसचिव, बीएनएमयू