शातिर अमित ने एक हजार रुपये महीना देने का फेंका चारा तो सरिता फंस गई बड़े नेटवर्क के जाल में
ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसीविर इंजेक्शन के कालाबाजारी में भागलपुर घोघा की सरिता गिरफ्तार हुई है। सरिता ने कभी महानगर का मुंह देखा नहीं है। इसके बावजूद शातिर अमित रोशन ने उसे इस तरह फंसाया कि इसका अंदाज ही वे नहीं निकाल सकी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर जिले के घोघा के पक्कीसराय की रहने वाली सरिता दिल्ली की साइबर सेल पुलिस के हाथों सलाखों के पीछे भले चली गई पर उसने कभी महानगर का मुंह तक नहीं देखा था। उसके हाथ ईंट भट्ठे की ताप से पक जरूर गई पर मुफलिसी ही उसकी वह मजबूरी बनकर उसके जिंदगी में ही आग लगा दी। ईंट भट्ठे में मजदूरी कर पेट पालने वाली सरिता घोघा में एक प्रोजेक्ट में सुपरवाइजर का काम करने वाले अमित रोशन की कि चालकी भाप न सकी। उसे उसने एक हजार रुपये महीना ऐसे ही देने का लोभ दे खाता खुलवा लिया। ऐसा अमित रोशन ने सरिता के स्वजनों से भी करा लिया।
यही नहीं मोबाइल नम्बर से लिंक भी करवा लिया। एटीएम कार्ड जारी कर कर उसे भी अपने पास रख लिया। शर्त एक हजार रुपये देने का था। वह मिल रहा था। मुफलिसी की मारी सरिता को बिना कुव्ह किये सिर्फ खाता खुलवाने के एक हजार मिल रहा था। वह और उसका परिवार खुश था। ग्रुप डी की नौकरी भी मिलने वाली थी। अमित रोशन ने यह भी लोभ दे रखा था। सरिता जेल जाने के पूर्व कचहरी परिसर में कहा कि उसे इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि लाखों की हेराफेरी और दवाओं की काला बाजारी में इसका इस्तेमाल होगा।
वह तो ईंट बना कर पेट पाल रही थी। महानगरों का चौकाचौंध नहीं देखा था। दिल्ली की साइबर सेल सरिता को दिल्ली लेते चली गई, लेकिन भागलपुर के घोघा जैसे पिछड़े इलाके की मजदूर बस्ती में वहां की मुफलिसी की जंदगी बसर करने वालों को शातिर अमित रोशन ने जो टीस दिया। उनके भरोसे के साथ छल किया उससे वहां के लोग अब सहज किसी पर यकीन नहीं करेंगे। सरिता के स्वजनों ने कहा कि अमित ने उसके साथ छल किया। बिना सही जानकारी दिए, उससे गैरकानूनी काम करवाया गया। ग्रामीण महिला होने के कारण सरिता इन सब बातों से अनभिज्ञ थी।