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भाजपा नेता ने भागलपुर में कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती संख्‍या पर उठाई चिंता, सीएम को भेजा ज्ञापन

Coronavirus भागलपुर में स्थिति काफी भयावह होती जा रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण से लगभग 14 सौ लोग प्रभावित हुए हैं। इसके लेकर भाजपा नेता ने एक ज्ञापन सौंपा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 01:08 PM (IST)
भाजपा नेता ने भागलपुर में कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती संख्‍या पर उठाई चिंता, सीएम को भेजा ज्ञापन
भाजपा नेता ने भागलपुर में कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती संख्‍या पर उठाई चिंता, सीएम को भेजा ज्ञापन

भागलपुर, जेएनएन। भाजपा नेता अर्जित शाश्वत चौबे ने भागलपुर में बढ़ रहे कोविड-19 महामारी पर चिंता व्यक्त की। इस संबंध में उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय  को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्‍होंने कहा है कि टीचर्स ट्रेनिंग कालेज आइसोलेशन सेंटर और जेएलएनएमसीएच की स्थिति भयावह है। प्रशासनिक स्तर पर अराजकता के लिए चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से उचित कार्रवाई की मांग की है। उन्‍होंने मरीजों को समुचित व्यवस्था प्रदान करने का आग्रह किया है। अर्जित ने कहा कि दिल्ली में दर्जी का काम करने वाला शाहकुंड खैरा निवासी मो तनवीर पिछले माह भागलपुर लौट था, जिसकी मौत दवा लेने के क्रम में मेडिकल हॉल में गिरकर हो गई। उसके शव को उठाने नगर निगम से चार घंटे तक कोई नहीं आया। अर्जीत ने इस गंभीर स्थिति के लिए उचित कार्रवाई करने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया है।

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उन्‍होंने कहा कि कोरोना काल में जेएलएनएमसीएच, सदर अस्पताल एवं इसोलेशन सेंटर की व्‍यवस्‍था काफी दयनीय है।  उन्‍होंने पर्याप्त कोरोना जांच किट मुहैया कराने का आग्रह किया है। जांच के आभाव में संक्रमित मरीजों को लंबे समय तक रुकना पड़ता है, जिसकी वजह से और भी लोग संक्रमित होते हैं। जांच रिपोर्ट भी 2 से 4 दिनों में मिलती है। जिसकी वजह से संक्रमण बढ़ रहा है। सदर अस्पताल में प्रतिदिन मात्र 50 सैंपल लिया जा रहा है,  जबकि भीड़ सैकड़ों में होती है। सही समय पर जांच  नहीं होने पर लगातार कोविड-19 का केस बढ़ता जा रहा है।

आइसोलेशन सेंटर में ऐसे मरीज हैं जो अन्य बीमारियों से भी ग्रसित हैं, उनके लिए दवा एवं इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। मायागंज अस्पताल में जगह समाप्त हो जाने से गंभीर मरीज भी टीचर्स ट्रेनिंग में ही हैं, जिन्हें देखने कोई डॉक्टर भी नहीं आते हैं। चिकित्‍सक अस्पताल में मरीजों को देखने से परहेज कर रहें हैं। यहां तक कि ऑक्‍सीजन रहते हुए भी अस्पताल में कोई अटेंडेंट इसे लगाना नहीं चाहता है। मरीजों को गर्म पानी तक नहीं दिया जाता। गार्ड से दरवाजे पर से खाना अंदर भेज दिया जाता है। कोई भी डॉक्टर या नर्स यहां मरीज से मिलकर उनका हाल-चाल नहीं लेते। सांस लेने में परेशानी आने पर भी ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सुविधा नहीं मिलने से कई  की मौत हो गई है। 

निम्न स्तर का भोजन मिल रहा है। आइसोलेशन वार्ड का शौचालय काफी गंदा है। साफ-सफाई के आभाव में गंभीर बीमारी होने की आशंका है। मरीजों को कहा जा रहा है कि शौचालय खुद से साफ करें। आइसोलेशन सेंटर में क्षमता से ज्यादा मरीज हैं।

अर्जित ने कोरोना काल में विद्युत शवदाह गृह का भेंट देने के लिए नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा का आभार जताया। इसके चालू होने से आसपास के लोगों को दाह संस्कार करने में आसानी होगी। समय और पैसे की भी बचत होगी।


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