दिसंबर तक एनएफ रेलवे की सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट
नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे ने दिसंबर तक सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
किशनगंज (सागर चन्द्रा)। स्वच्छ भारत मिशन के तहत रेल मंत्रालय द्वारा ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाने की घोषणा की गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे ने दिसंबर तक सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है।
पहले चरण में राजधानी, दूरंतो व शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस साल के अंत तक पैसेंजर समेत अन्य ट्रेनों में भी यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेसी तकनीक से इस टॉयलेट का निर्माण किया है। इस टॉयलेट से मल-मूत्र अब रेल लाइन पर नहीं गिरेगा। इससे स्वच्छता बनी रहेगी। साथ ही रेल पटरियां भी जंग से बची रहेंगी। बायो टॉयलेट मानव मलमूत्र को जीवाणुओं द्वारा मिथेन और कार्बन डाय ऑक्साइड में परिवर्तित कर देगा। ये गैस टैंक में बने छिद्रों द्वारा वातावरण में घुल जाएंगे। इसके बाद टॉयलेट टैंक में काफी कम अवशेष रहेंगे। इससे लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को टॉयलेट की गंदगी जैसी समस्या से भी निजात मिल जाएगी।
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यात्रियों के सहयोग से ही बायो टॉयलेट को सफल बनाया जा सकता है। सफर के दौरान अक्सर यात्री पानी की खाली बोतलें, गुटखा के पैकेट, कपड़े, नैपकिन और डायपर आदि टॉयलेट में फेंक देते हैं। बायो टॉयलेट में अपशिष्टों के फेंके जाने से अवरोध उत्पन्न हो जाएगा। इस कारण अपशिष्टों के लिए टॉयलेट में अलग से डस्टबीन की व्यवस्था की जा रही है। यात्रियों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
- प्रणव ज्योति शर्मा
मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी (सीपीआरओ), एनएफ रेलवे