आशुतोष पाठक के घर में आज भी पसरा है मातम
बिहपुर थाना की पुलिस की पिटाई से बीते वर्ष दम तोड़ देने वाले प्रखंड के मड़वा पश्चिम पंचायत के वार्ड नंबर सात ई.आशुतोष पाठक के स्वजनों के आंखों से बह रहे आंसू सूख गए पर उन्हें न्याय अब तक नहीं मिल पाया है।
भागलपुर। बिहपुर थाना की पुलिस की पिटाई से बीते वर्ष दम तोड़ देने वाले प्रखंड के मड़वा पश्चिम पंचायत के वार्ड नंबर सात ई.आशुतोष पाठक के स्वजनों के आंखों से बह रहे आंसू सूख गए पर उन्हें न्याय अब तक नहीं मिल पाया है। वहीं दिवंगत आशुतोष की पत्नी स्नेहा पाठक व दो वर्षीय पुत्री माड़वी पाठक की करीब छह माह पूर्व हंसती व खिलखिलाती दुनिया एक झटके के वीरान व बेरंग हो गई है। इस घटना को लेकर मृतक के घर में आज भी मातम हुआ पसरा है। घटना को लेकर स्वजन समेत पूरे इलाके के लोगों पुलिस के हैवानियत भरी कार्रवाई के खिलाफ काफी आक्रोश आज भी देखा जा रहा है। मृतक की दादी प्रभा देवी ने बताया कि शहर में पढ़ने व रहने के बाद भी उसका पोता गांव व अपने घर के संस्कारों से जुड़ा रहता था। हरसाल नवरात्र में अपने कुलदेवता व दुर्गापूजा करने गांव आ जाया करता था। गांव आने पर वह सभी से पूरे आदर व सम्मान से मिलता व बातें करता था। इस घटना के कुछ माह पूर्व लीवर की बीमारी होने पर भी वह हंसता ही रहता था। गोड्डा में रहते थे आशुतोष
आशुतोष के चाचा सुमन पाठक, संजय पाठक, प्रफुल्ल पाठक समेत चाची बिदु देवी, संगीता देवी, मोना पाठक, बबली देवी, अक्षय पाठक, अंकित पाठक, शुभम पाठक आदि ने बताया कि आशुतोष हरसाल की तरह बीते वर्ष भी नवरात्र में अपने कुलदेवता व दुर्गापूजा करने 24 अक्टूबर 2020 को ही गोड्डा से बाइक चलाते हुए पत्नी व बच्ची संग मड़वा आया था। भाई ने कहा कि नहीं मिला है न्याय
ई. आशुतोष पाठक के छोटे भाई सूरज पाठक ने कहा कि उसके भाई की पुलिस पिटाई से मौत मामले में हमलोगों को आज तक न्याय नहीं मिल पाया है। घटना को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी बिहपुर थाने का तत्कालीन थानाध्यक्ष रणजीत कुमार अब भी फरार व पुलिस पकड़ से दूर है। सूरज ने बताया कि मुआवजा के नाम पर सिर्फ झुनझुना थमाया गया। मानवाधिकार द्वारा करीब सात लाख,भागलपुर जिला प्रशासन द्वारा एक लाख व पटना जिले के एक विधायक द्वारा अपने नीजि कोष एक लाख रुपये मिले हैं। आशुतोष के स्वजनों ने कहा कि पूर्व थानेदार की गिरफ्तारी व सजा होना ही दिवंगत आशुतोष को सच्ची श्रद्धांजली होगी।