बिहार के भागलपुर में लगेगी इथेनॉल की फैक्ट्री, राज्य भर के किसान होंगे समृद्ध, बीएयू देगा तकनीकी और वैज्ञानिक सपोर्ट, जानिए... इसका फायदा
इथेनॉल से किसानों की जिंदगी में आएगी खुशहाली खेतों में दिखेगी हरियाली जानिए... इसका फायदा। भागलपुर के बिहपुर इथेनॉल की फैक्ट्री लगायी जाएगी। बिहार कृषि विश्वविद्यालय करेगा तकनीकी और वैज्ञानिक सहयोग किसान होंगे समृद्ध। मक्का के किसानों को ज्यादा फायदा होगा।
भागलपुर [ललन तिवारी]। किसानों की जमीन पर किसानों के उत्पाद से और किसानों के श्रम से भागलपुर की धरती पर इथेनॉल फैक्ट्री की चक्का घुमेगा। मक्का से इथेनॉल बनेगा ।मक्का उत्पादक किसानों के चेहरे खिलेंगे समृद्धि दस्तक देगी। इसको लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय में दो इथेनॉल कंपनी के मालिक और विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के बीच विधायक इंजीनियर शैलेंद्र कुमार के कोआर्डिनेशन में बुधवार को बैठक किया गया। विश्वविद्यालय के मक्का वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र सिंह ने वैज्ञानिक और तकनीकी सपोर्ट का विश्वविद्यालय की ओर से पूर्ण आश्वासन दिया। वहीं कंपनी ने किसानों को पूर्णतया सहयोग देने का वादा किया। इथेनॉल कंपनी के प्रबंधन अखिल सिंघल ने बताया कि किसानों के साथ करारनामा किया जाएगा। उन्हें आर्थिक सहयोग देकर ज्यादा से ज्यादा मक्का उत्पादन कराया जाएगा जिसका उचित मूल्य कंपनी देगी।
30 एकड़ में बड़े पैमाने पर यहां खुलेगा इथेनॉल उद्योग कोऑर्डिनेट कर रहे विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने कहा कि बीहपुर के मड़वा में मुख्य पथ के किनारे फैक्ट्री खोलने का निर्णय लिया गया है। अभी कुछ देर बाद जमीन देखने जाया जाएगा। जरूरत हुई तो और भी जमीन लिया जाएगा।
बीएयू के कुलपति डॉ. आरके सोहाने ने कहा की बिहार की धरती पर भागलपुर के लिए इथेनॉल की फैक्ट्री किसानों के हितार्थ मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा बिहार में मक्का का उत्पादन होता है। नौ लाख हेक्टेयर से ज्यादा मक्का की खेती किसान करते हैं। बिहार का रवि फसल में मक्का मुख्य फसल है। जिसकी औसत उत्पादकता 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। रवि मौसम में भागलपुर सहित पूरा कोशि क्षेत्र के किसान 140 से 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज ले रहे हैं। लेकिन किसानों को बेहतर मूल्य नहीं मिल पाता है। फैक्ट्री खुलते ही किसानों को उचित मूल्य मिलेगा जिससे बिहार में मक्का का उत्पादन और भी बढ़ेगा। किसान समृद्ध बनेंगे और देश स्वाबलंबी होगा।
जैमिनी ग्रुप की कंपनी भारत प्लस एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली के प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि इथेनॉल मक्का से लेने के बाद बचे हुए अवशेष का कैटल फीड या अन्य उत्पाद बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। बताया गया कि पांच सौ मिट्रिक टन फैक्ट्री को रोज मक्का की जरूरत होगी।
दिल्ली के उद्योग पति गिरीश नारंग, विजय कपुर, कमल गुप्ता, जितेंद्र पूरी, अखिल सिंघल, पुनीत सिंह आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने किया और व्यवस्थापक के रूप में राजेश कुमार ने सक्रिय भूमिका अदा की। उच्च स्तरीय बैठक के समापन के बाद उद्योग पतियों की टीम बिहपुर फैक्ट्री के जमीन पर अंतिम मुहर लगाने गई। सनद हो कि इथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल है जो डीजल और पेट्रोल में मिलाया जाता है।