Bihar transfer News: भागलपुर के कई पुलिस अधिकारी बदले गए, जानिए तबादले की inside story
Bihar transfer News भागलपुर के कई पुलिस अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया गया है। शुभम आर्य बने भागलपुर के नए सिटी एएसपी गौरव कुमार डीएसपी विधि-व्यवस्था। शिवानंद सिंह कहलगांव के बने डीएसपी रेशु कृष्णा का भी तबादला हो गया है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar transfer News:भागलपुर के सिटी एएसपी पूरण झा का तबादला हो गया। उन्हें बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस तीन में सहायक समादेष्टा बनाया गया है। उनके स्थान पर 2019 बैच के आइपीएस शुभम आर्य भागलपुर के नए सिटी एएसपी बनाए गए हैं। पूरण झा ने सितंबर 2020 में सिटी एएसपी के पद पर योगदान दिया था। कजरैली में तैनात प्रशिक्षु डीएसपी गौरव कुमार को भागलपुर के विधि-व्यवस्था की कमान सौंपी गई है। वहीं कहलगांव की डीएसपी रेशु कृष्णा का भी तबादला हुआ है। उनकी जगह शिवानंद सिंह कहलगांव के डीएसपी बनाए गए हैं।
इधर, जमीन पर जबरन कब्जा करने को लेकर खंजरपुर में मारपीट व फायरिंग की घटना के आरोपित प्रापर्टी डीलर अनिल यादव का नाम केस से नाम निकलवाने के नाम पर दो आइपीएस पदाधिकारियों को मोटी रकम लेने के आरोप लगे थे।
सीटीएस के प्राचार्य मिथिलेश कुमार पर केस से नाम हटवाने के लिए बरारी पुलिस के नाम पर 12 लाख रुपये लेने का आरोप लगाते हुए अनिल यादव ने पहले सिटी एएसपी पूरण झा से लिखित शिकायत की थी। लेकिन बाद में अनिल यादव अपने बयान से पलट गए। अनिल ने सिटी एएसपी पर भी दस लाख रुपये लेने का आरोप बम फोड़ दिया। उनकी पत्नी पुष्पा देवी ने जबरन आवेदन लिखवाने का भी एएसपी पर आरोप लगाई थी।
पुष्पा देवी ने आरोप लगाया कि उनके पति सिटी एएसपी से कोतवाली स्थित कार्यालय में मिलने पहुंचे थे। सिटी एएसपी के निर्देश पर अनिल यादव को पकड़कर बरारी पुलिस अपने साथ थाना ले आई। डीआइजी के आदेश को दिखाने पर बरारी पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया।
अनिल यादव और उसकी पत्नी पुष्पा देवी ने आरोप लगाया कि बंद कमरे में बयान लेने के दौरान सिटी एएसपी ने अनिल पर दवाब डालकर आवेदन लिखवाया गया। आवेदन में सीटीएस के प्राचार्य पर केस से नाम हटवाने के लिए 12 लाख रुपये लेने का उन पर आरोप लगाया गया है। लेकिन बाद में अपने बयान से ही पलट गए और कहा कि सीटीएस प्राचार्य को कोई पैसे नहीं दिए गए हैं। सीटीएस प्राचार्य को आखिर मोटी रकम क्यों देंगे। वे केस से नाम हटवा नहीं सकते हैं। इसलिए कि केस से नाम हटाने का अधिकार तो जिला पुलिस की होती है। हालांकि आइपीएस पदाधिकारी ने आरोपों को सिरे से खारिज किया था। पैसे के लेनदेन और जबरन आवेदन लिखवाने के लगे आरोपों के कारण सिटी एएसपी पूरण झा के तबादला के पीछे कारण माना जा रहा है।