'DEO सर, नजदीक के स्कूल में करा दीजिए नामांकन...', मनपसंद विद्यालय के लिए विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हुए छात्र
Bhagalpur News पंचायत और अपने सीमा क्षेत्र में नामांकन को लेकर हुए सीमांकन के बाद छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ गई है। छात्र अपने नजदीक के विद्यालय में नामांकन के लिए कारण बताकर शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं। हालांकि विभागीय निर्देश के कारण शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बिना जांच किए नामांकन को लेकर निर्देश नहीं दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। पंचायत और अपने सीमा क्षेत्र में नामांकन को लेकर हुए सीमांकन के बाद छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ गई है, जिसके कारण लगातार छात्र अपने नजदीक के विद्यालय में नामांकन के लिए कारण बताकर जिला शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन विभागीय निर्देश के कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बिना जांच किए नामांकन को लेकर निर्देश नहीं दिया जा रहा है।
मंगलवार को भागलपुर के विभिन्न प्रखंडों के 100 से अधिक छात्र-छात्राओं और अभिभावकों द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय का घेराव किया गया, ताकि उन्हें अपने नजदीक के स्कूलों में नामांकन का मौका मिल सके।
500 मीटर से 2-3 किमी हुई स्कूल की दूरी
छात्र-छात्राओं ने बताया कि हमारा स्कूल पहले 500 मीटर की दूरी पर था, लेकिन अब नए नियम के आधार पर हमारे स्कूल की दूरी 2 से तीन किलोमीटर हो गई है।
कई छात्र-छात्राओं ने यह बताया कि पहले वह दूसरी जगह पढ़ते थे और अब अपने जिले में आकर पढ़ना चाहते हैं, लेकिन एडमिशन नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर एक सप्ताह पूर्व आवेदन भी दिया था, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई।
मनपसंद स्कूल में नामांकन की दरकार
इसके अलावा कई छात्र-छात्राएं ऐसे भी थे, जिन्हें अपने मनपसंद स्कूल में नामांकन लेकर पढ़ना था, जो जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश के इंतजार में थे।
वहीं, दूसरी तरफ जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा सहित डीपीओ (माध्यमिक शिक्षा) डीपीओ (एसएसए) के सात दिवसीय प्रशिक्षण की वजह से बाहर होने के कारण जिला शिक्षा विभाग कार्यालय में ऐसे 1000 से अधिक आवेदन पेंडिंग पड़े हैं।
छात्रों को क्या बता रहे शिक्षा पदाधिकारी?
इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी बच्चों और अभिभावकों को समझाया कि पंचायत क्षेत्र में नामांकन का आदेश विभाग द्वारा जारी किया गया है, ताकि सभी स्कूलों में समरूपता बनी रहे और किसी एक स्कूल पर ज्यादा बच्चों का दबाव न पड़े।
उन्होंने सभी अभिभावकों और छात्र-छात्राओं को और आश्वस्त किया कि उनके आवेदन की प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जांच कराई जाएगी।
इसके बाद संबंधित स्कूल की दूरी और पहले जैसी स्कूल में बच्चों का नामांकन होता है उसकी दूरी को देखते हुए छात्र-छात्राओं के प्राथमिकता के आधार पर नामांकन की अनुमति दी जाएगी।
क्या कहते हैं डीईओ?
बच्चों द्वारा दिए गए आवेदन की जांच करने का आदेश सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दिया गया है। 20 मई के बाद इस पर काम शुरू होगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद स्कूल की स्थिति और बच्चों के प्राथमिकता के आधार पर उन्हें नामांकन का आदेश मिलेगा। - राजकुमार शर्मा, डीईओ
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