नहीं मानेंगे शिक्षक, 29 जुलाई से करेंगे आंदोलन, बोले-सरकार का तुगलकी फरमान
सरकार को अविलंब इस तरह का फैसला वापस लेने की जरूरत है। फैसला वापस नहीं लिया गया तो जिले भर के को बाध्य होंगे। 29 जुलाई को प्रतियां जलाकर आंदोलन का रूख अख्तियार करेंगे।
भागलपुर, जेएनएन। सरकार के सेवानिवृत्ति वाले आदेश ने शिक्षकों को आंदोलन करने पर मजबूर कर दिया है। शिक्षकों ने आंदोलन करने की तैयारी शुरू कर दी है। 29 जुलाई को प्रतियां जलाकर आंदोलन का रूख अख्तियार करेंगे। बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट के जिला सचिव श्याम नंदन सिंह ने बताया कि सरकार का यह निर्णय सरासर गलत है। यह तुगलकी फरमान है। इस तरह के फैसले से राज्य में लाखों परिवार परेशान होंगे। कई नियोजित शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने कुछ साल ही नौकरी की है और सरकार के इस फरमान के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सरकार के इस फैसले का शिक्षक अलग-अलग तरीके से विरोध करेंगे। काला कानून से सभी वर्गों में रोष व्याप्त है। अगस्त से कर्मी काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। इधर, प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. शेखर गुप्ता ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में शिक्षक जान हथेली पर लेकर भी सरकारी का काम कर रहे हैं। इसके बाद भी इस तरह का निर्देश सरासर गलत और अनुचित है। सरकार को अविलंब इस तरह का फैसला वापस लेने की जरूरत है। फैसला वापस नहीं लिया गया तो जिले भर के को बाध्य होंगे। बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के महासचिव डॉ. भोला पासवान ने कहा कि हर जिलों में शिक्षक संघ के पदाधिकारी से संपर्क किया गया है। सरकार के इस फैसले का जबरदस्त विरोध किया जाएगा। किसी भी सूरत में शिक्षक झुकने को तैयार नहीं है।
बैठक कर ले चुके हैं निर्णय
इधर, सोमवार को भी शिक्षकों ने बैठक जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया था। बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट के जिला सचिव श्याम नंदन सिंह ने बताया कि सरकार का यह निर्णय सरासर गलत है। यह तुगलकी फरमान है। बैठक में महासंघ के अध्यक्ष सिराज अहमद, जिला सचिव राम कुमार शर्मा, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोपगुट भागलपुर के जिला सचिव श्याम नंदन सिंह, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट भागलपुर, कृष्णानंद भगत जिला संयुक्त सचिव अरविंद कुमार, नरेश कुमार और मुरलीधर मंडल थे।