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गजब हैं बिहार के संवेदक: कटिहार में डेढ़ किलोमीटर की सड़क बनाने के लिए दो साल का समय पड़ा कम

गजब हैं बिहार के संवेदक - कटिहार में संवेदक की लापरवाही से दो वर्षों से सड़क का निर्माण कार्य अधर में फंसा है। ये हालात हैं पीडब्लूडी रोड से हरिजन टोला अरिहाना सड़क का। डेढ़ किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य दो वर्षों में नहीं हुआ पूरा।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 11:30 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 11:30 AM (IST)
गजब हैं बिहार के संवेदक: कटिहार में डेढ़ किलोमीटर की सड़क बनाने के लिए दो साल का समय पड़ा कम
बिहार के संवेदकों की लापरवाही किसी से छिपी नहीं है, ये मामला कटिहार का है।

संवाद सूत्र, आजमनगर (कटिहार): आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के अरिहाना पंचायत अंतर्गत स्टेट हाईवे-98 से हरिजन टोला को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कार्य संवेदक की लापरवाही से अधर में लटका है। कार्य आरंभ हुए दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इस सड़क को अब तक पूर्ण नहीं किया गया है। जिसके कारण बड़ी आबादी को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब संवेदक की लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों में भी काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्राणपुर विद्यालय निशा सिंह से भी की है।

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ज्ञात हो कि दो वर्ष पूर्व प्राणपुर के निवर्तमान दिवंगत विधायक व सरकार में मंत्री रहे विनोद कुमार सिंह नें सड़क की आधारशिला रखी थी। लगभग डेढ़ किलोमीटर सड़क का निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना अंतर्गत डेढ़ करोड़ की लागत से होना है। शिलान्यास के बाद क्षेत्र की बड़ी आबादी नें राहत की सांस ली थी।परंतु कार्य आरंभ हुए दो वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण पूर्ण नहीं किया जाना संवेदक की मनमानी को दर्शाता है।

पुल निर्माण का कार्य अब तक आरंभ नहीं

ज्ञात हो कि उक्त सड़क के साथ चार छोटे बड़े पुल का भी निर्माण किया जाना है। पर अब तक पुल निर्माण के लिए किसी भी तरह की कोई पहल नहीं की गई है। अब ऐसे में बरसात से पहले इस सड़क के पूर्ण होने की संभावना कम ही लग रही है। ज्ञात हो कि यह सड़क बड़ी आबादी को मुख्य सड़क से जोड़ती है।

इस संबंध में प्राणपुर विधायक निशा सिंह नें कहा कि इस तरह की लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सड़कों का निर्माण तय समय पर हो इसके लिए जिम्मेदार एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए गए है।बावजूद अगर लापरवाही हो रही है तो संवेदक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाएगा।

वैसे ये पहली दफा नहीं है कि बिहार के किसी जिले में सड़क निर्माण कार्य में इतनी देरी हुई हो। वहीं, बता दें कि कई जगहों पर ऐसा भी हाल है कि सड़कें निर्माण के बाद छह माह से ज्यादा टिक भी नहीं सकीं। इसलिए ही कहा जा रहा है कि गजब हैं बिहार के संवेदक...।


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