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अब चेक नहीं काट सकेंगे बिहार के मुखियाजी, पारदर्शिता नहीं बरती तो होगी बड़ी कार्रवाई

बिहार के मुखिया को अब रुपये की लेन-देन में काफी परदर्शिता बरती जा रही है। भारत सरकार के पोर्टल ई ग्राम स्वराज पर दिखेगा इस पैसे का हिसाब। किस दिन कितनी राशि दी गई इसका पूरा विवरण पोर्टल पर रहेगा उपलब्ध।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 05:09 PM (IST)
अब चेक नहीं काट सकेंगे बिहार के मुखियाजी, पारदर्शिता नहीं बरती तो होगी बड़ी कार्रवाई
अब मुखिया को आनलाइन लेन देना करना होगा।

जागरण संवाददाता, सुपौल। पंचायत की कल्याणकारी योजनाओं में कार्य एजेंसी को चेक देने से पूर्व हिस्सेदारी को लेकर चर्चा में रहने वाले मुखिया व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के लिए एक बुरी खबर है। अब ये प्रतिनिधि योजना से संबंधित कोई भी चेक नहीं काटेंगे। ग्राम पंचायतों की सभी योजनाओं के खर्च का भुगतान अब आनलाइन होगा। इस व्यवस्था के लागू हो जाने से अब न सिर्फ योजना की राशि के बंदरबांट पर रोक लगेगी बल्कि कार्य समय से पूरा किया जा सकेगा। इसको लेकर पूर्व में ही पंचायती राज विभाग ने जिले को निर्देशित किया था। जारी निर्देश के आलोक में जिले में पंचायती राज विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। इस व्यवस्था के लागू हो जाने से अब पंचायत के खाते से राशि सीधे संबंधित व्यक्ति या कार्य एजेंसी के खाते में चली जाएगी।

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इस पैसे का हिसाब भारत सरकार के पोर्टल ई ग्राम स्वराज पर दिखेगा। इतना ही नहीं इस योजना में किस दिन कितनी राशि दी गई इसका पूरा विवरण पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। विभाग ने जो पत्र जारी किए हैं उसके मुताबिक ग्राम पंचायत में 15वें वित्त आयोग की राशि से संचालित होने वाली सभी योजनाओं में खर्च की राशि का आनलाइन भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है। इस व्यवस्था के बाद कोई भी पंचायत प्रतिनिधि योजना की राशि का चेक नहीं काटेंगे।

विभाग द्वारा शुरु कर दी गई है तैयारी

नई व्यवस्था के तहत जिले में इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। आनलाइन भुगतान के लिए प्रखंड से संबंधित पदाधिकारियों और त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मुखिया व प्रमुख का डिजिटल हस्ताक्षर लिया जा रहा है। जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत दिनों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। पंचायत राज विभाग के अनुसार इस व्यवस्था के लागू होने से सरकारी फंड का उपयोग भारत सरकार के नियंत्रण में रहेगा। सरकार जरूरत के हिसाब से राशि का उपयोग दूसरे स्थानों पर भी कर सकती है। नई व्यवस्था के तहत अब पंचायत के खाते में राशि नहीं रहेगी । योजना की राशि सेंट्रलाइज सरकार के पास होगी। हालांकि पंचायतों को उसके हिस्से की राशि की जानकारी उन्हें उपलब्ध रहेगी । कहां कितनी जरूरत होगी उतनी ही राशि आनलाइन भुगतान कर सकेंगे। शेष राशि सुरक्षित रहेगी। ताकि जरूरत पर सरकार दूसरे स्थानों पर खर्च कर पाएगी।

भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक

दरअसल पंचायत में संचालित योजनाओं की राशि का भुगतान आनलाइन करने का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है। जनप्रतिनिधियों और अफसरों की मिलीभगत से योजनाओं की राशि का बंदरबांट इस व्यवस्था के तहत संभव नहीं होगा। इससे पूर्व भुगतान प्राप्ति के बाद भी कार्य को पूरा नहीं किया जाता था इससे सरकार की राशि फंस जाती थी। आनलाइन व्यवस्था से राशि की बंदरबांट पर रोक लगेगी ही इस व्यवस्था के शुरू हो जाने से कार्य भी समय से पूरा किया जा सकेगा।

पंचायत में चल रही सभी योजनाओं का भुगतान पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम साफ्टवेयर के माध्यम से आनलाइन किया जाएगा। इसमें पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का डिजिटल हस्ताक्षर रजिस्टर्ड होगा। पीएफएमएस के सभी पंचायतों का खाता चालू किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों का एक पासवर्ड भी होगा इसे डालने के बाद ही राशि का भुगतान हो सकेगा। फिलहाल सभी प्रखंडों को इसके लिए निर्देशित किया जा चुका है। -संतोष कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी


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