बिहार पंचायत चुनाव 2021: साम, दाम, दंड, भेद आजमाने के प्रयास में जुटे हैं प्रत्याशी, इस बार बदलाव की बयार
बिहार पंचायत चुनाव 2021 मुंगेर के धरहरा प्रखंड में पंचायत चुनाव को लेकर संभावित प्रत्याशी लगातार चुनाव संपर्क कर रहे हैं। 13 पंचायतों में मान-मनोव्वल का दौर भी शुरू। साम दाम दंड भेद आजमाने के प्रयास में जुटे नए-पुराने प्रत्याशी।
त्रिभुवन चौधरी, हेमजापुर (मुंगेर)। पंचायत चुनाव में 'बदलाव की बयार' से इस बार धरहरा प्रखंड के कई निवर्तमान प्रत्याशियों की धड़कनें जोर-जोर से धड़क रही हैं। कई निवर्तमान प्रत्याशियों की स्थिति 'आगे कुआं पीछे खाई' वाली कहावत जैसी दिख रही है। अपने कार्यकाल में जिन निवर्तमान प्रत्याशियों ने अपने कर्तव्य और दायित्व का बेहतर ढंग से पालन किया उनके हौसले तो कुछ हद तक बुलंद नजर आ रहे हैं, लेकिन जिन्होंने अनमने ढंग से अपने कार्यकाल का समापन कर दिया वैसे प्रत्याशियों के चेहरे पर मुस्कान नजर नहीं आ रही है। कुछ निवर्तमान प्रत्याशी दबी जुबां में अपने बेहद करीब समर्थकों से कहते नजर आ रहे हैं कि अगर चुनाव नहीं लड़ते हैं तो उनकी प्रतिष्ठा जाएगी, लड़ते हुए हार गए तो भी प्रतिष्ठा जाएगी। ऐसे में उन लोगों की स्थिति 'आगे कुआं पीछे खाई' वाली हो रही है। ऐसे में कई निवर्तमान प्रत्याशी अपनी प्रतिष्ठा और साख बचाने के लिए भी चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
मतदताओं को गोलबंद करना आसान नहीं
चुनाव विश्लेषकों की मानें तो प्रखंड के 13 पंचायतों में कुछ निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों ने दायित्व का बेहतर ढंग से पालन किया है और जनता की सेवा भी की है। वैसे लोगों को जनता का समर्थन मिलने की उम्मीद की जा रही है। परेशानी उस निवर्तमान प्रत्याशियों की है जिन्होंने पंचायत में विकास के कोई कार्य नहीं किए और मतदाताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया। मान-मनोव्वल का दौर भले शुरू हो चुका है, लेकिन बदलाव की बयार में मतदाताओं को अपने पक्ष में करना इस बार निवर्तमान प्रत्याशियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। जिले में फिलहाल दो प्रखंडों के पंचायत चुनाव के परिणाम बेहद चौंकाने वाले रहे।
दो प्रखंडों के परिणाम से बदला स्वरूप
तारापुर और टेटिया बंबर प्रखंड में अधिकांश नए चेहरे को मतदाताओं ने प्राथमिकता दी। अब इस परिस्थिति को देखते हुए निवर्तमान प्रत्याशी कुछ अलग दांव चलने के प्रयास में हैं। बहरहाल धरहरा में नए एवं पुराने प्रत्याशियों का नामांकन मंगलवार से निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष प्रारंभ हो चुकी है। नए चेहरे बड़े उत्साह के साथ अपना नामांकन कराने पहुंच रहे हैं। बदलाव की बयार से उनके चेहरे पर एक अलग सी मुस्कान नजर आ रही है। वर्तमान परि²श्य में निवर्तमान प्रत्याशी साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपना रहे हैं लेकिन क्या वे अपनी प्रतिष्ठा बचा पाएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।