बिहार नगर निकाय का चुनाव 2022: मेयर व डिप्टी मेयर का इस तरह होगा चुनाव, जारी हुआ रोस्टर
बिहार नगर निकाय का चुनाव 2022 अब बिहार की जनता खुद चुनेगी अपना हीरो। मुंगेर में 27 जून तक है मुंगेर मेयर डिप्टी मेयर का कार्यकाल। अप्रैल-मई में संभावित है नगर निकाय का चुनाव। अब चुनाव के बाद पैसे का खेल नहीं होगा।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। अब शहर की जनता अपने हीरो (मेयर डिप्टी मेयर) को चुनेगी। मुंगेर नगर निकाय के इतिहास में 120 वर्ष बाद पहली बार ऐसा होगा जब जनता स्वयं अपने पसंद के मेयर व डिप्टी मेयर को वोट करके चयन करेंगे। इन दो पदों के चुनाव में पहली बार जनता की सीधी भागीदारी होगी और मतदान से शहर का ताज किसी के सिर सजेगा। चुनाव को लेकर शहर के लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है। हालांकि, अभी चुनाव की तिथि घोषित नहीं है। संभावना है कि चुनाव अप्रैल-मई के बीच होगा। वर्तमान मेयर व डिप्टी मेयर का कार्यकाल 27 जून 2022 को समाप्त हो रहा है।
बढ़ी राजनीतिक गलियारों की हलचल
बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धाराओं में संशोधन के बाद शहर की राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। जन बल व धन बल का उपयोग करने वाले काफी मायूस है। राजनीति में आने वाली नई पीढिय़ों के लिए इस पद पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की होड़ देखी जा रही है। इंटरनेट मीडिया से लेकर शहर के चौक-चौराहों पर होर्डिंग लगना शुरू हो गया है। राजनीतिक व गैर राजनैतिक संगठन के लोग भी इस पद के लिए अपना गणित फिट करने में जुट गए है। जनता भी मेयर डिप्टी मेयर को सीधे चुनने के लिए उत्सुक हैं।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- - 1901 में हुआ था मुंगेर नगर निकाय का गठन
- - 1935 में बना नगर पालिका व 2006 में नगर परिषद
- - नगर निगम की कुल आबादी 2 लाख 11 हजार(2011 जनगनणा के अनुसार )
- -नगर निगम क्षेत्र में है 45 वार्ड
- - 2012 में मिला नगर निगम का दर्जा
हार्स ट्रेडिंग पर लगेगा ब्रेक
मेयर डिप्टी मेयर पद के लिए हार्स ट्रेडिंग पर अब ब्रेक लगेगा क्योंकि डिप्टी व डिप्टी मेयर का चुनाव सीधे जनता करेगी। बता दें कि पहले जनता वार्ड पार्षद को चुनती थी और वार्ड पार्षद मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव करते थे। इसे लेकर धनबल व बाहुबल का जमकर प्रयोग होता था। यानि मेयर डिप्टी मेयर के चुनाव में हार्स ट्रेडिंग का प्रचलन था।
जनता से सीधे जुड़ेगे पद के दावेदार
पहले इस पद पर आने वाले का जुड़ाव सीधे जनता से नहीं होता था, क्योंकि उन्हें जनता की ओर से चुने गए पार्षद चुनते थे। इस बदलाव के बाद इस पद के दावेदार सीधे जनता से जुड़ेंगे और उनके प्रति जिम्मेवार भी होंगे।