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अपनी खामियों कोे छिपा रहा बिहार स्वास्थ्य विभाग, मुंगेर में संक्रमण की चेन फैलाने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं

मुंगेर सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमित डाटा आपरेटर ने ओपीडी में बैठकर 600 से ज्यादा मरीजों का पर्चा बना दिया। ये मामला कितना गंभीर है इसकी सुध बिहार स्वास्थ्य विभाग को नहीं। मुंगेर में हुए कोरोना विस्फोट ऐसी ही लापरवाही का नतीजा है लेकिन...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 09:59 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 09:59 PM (IST)
अपनी खामियों कोे छिपा रहा बिहार स्वास्थ्य विभाग, मुंगेर में संक्रमण की चेन फैलाने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं
बिहार स्वास्थ्य विभाग बेसुध, मुंगेर में हुआ संक्रमण का विस्फोट।

संवाद सहयोगी, मुंगेर : स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए सभी को अलर्ट रहने की बात कर रहा है। बिना काम लोगों को घर से नहीं निकलने की अपील की जा रही है। मास्क पर पूरे महकमा का फोकस है। पर, अपने लापरवाह अस्पताल प्रबंधक तौसिफ हसनैन पर कार्रवाई नहीं कर अपनी खामियों को छिपाने में लगा है। अभी तक यह भी ट्रेस नहीं हो सका है कि जिन छह सौ मरीजों का पर्चा संक्रमित डेटा आपरेटर ने काटा था, वह किस क्षेत्र के हैं। जिस तरह से ग्रामीण इलाकों में संक्रमण बढ़ रहा है, उससे यह भी सामने आ रहा है कि कहीं उन मरीजों के संपर्क में तो कोई नहीं आया।

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फिलहाल जिस लहर से पूरा देश अलर्ट है, वहां सदर अस्पताल में इस तरीके से बरती गई लापरवाही से सभी को सकते में डाल दिया है। स्वास्थ्य प्रबंधक ने अपनी जिज्ञासा पूरा करने के लिए दो बार संक्रमित डेटा आपरेटर की जांच कराई। दोनों बार पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सबकुछ उलटा हो गया। अब इस लापरवाही को लेकर हर कोेई आवाज उठाने लगा है। स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य प्रबंधक पर कार्रवाई करने से क्यों हिचक रहा है, यह समझ से परे है।

भाजपा के प्रदेश नेता ने की निलंबन की मांग

संवाद सहयोगी , मुंगेर : भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गोपाल कुमार पटवा ने सदर अस्पताल के प्रबंधक तौसिफ हसनैन पर निलंबन की कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जिले में हर दिन कोरोना का मामला बढ़ रहा है। लोग को दहशत में डाल दिया है। जिम्मेदार पद पर बैठे अस्पताल प्रबंधक की लापरवाही आम लोगों की सेहत पर पड़ने की उम्मीद है। अस्पताल प्रबंधक की ओर से बरती गई लारवाही समझ से परे हैं। आखिकार किसके आदेश पर दो दिनों तक संक्रमित डेटा आपरेटर से काम लिया। 10 वर्षों से एक ही जगह पर स्वास्थ्य प्रबंधक जमे हैं, ऐसे में तबादला क्यों नहीं हो रहा है।

सरकारी दफ्तरों में अमूमन ढाई से तीन वर्षों के दौरान तबादला कर दिया जाता है, पर स्वास्थ्य प्रबंधक कई वर्षों से कार्यरत हैं। उन्होंने कहा जिलाधिकारी और सिविल सर्जन लगातार कोरेाना संक्रमण को कम करने के लिए लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कारवाई नहीं किए जाने से जनता में आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने डीएम और सिविल सर्जन से अस्पताल प्रबंधक की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है।


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