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ब‍िहार सरकार ने निर्धारित किए धान के मूल्‍य, एक नंवबर से सरकारी खरीद शुरू

धान खरीद का न्‍यूनतम मूल्‍य निर्धारित इतने रुपये में। 1940 रुपये क्विंटल खरीद होगी किसानों से धान। 2021-22 में सरकार द्वारा तय हुआ धान का समर्थित न्यूनतम मूल्य। एक नवंबर से शुरू होगी धान की सरकारी खरीद विभाग कर रहा तैयारी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 11:38 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 11:38 AM (IST)
ब‍िहार सरकार ने निर्धारित किए धान के मूल्‍य, एक नंवबर से सरकारी खरीद शुरू
धान की सरकारी स्‍तर पर खरीद शुरू होगी।

जागरण संवाददाता, सुपौल। 2021-22 में सरकार द्वारा समर्थित न्यूनतम मूल्य पर धान खरीद की तैयारी शुरू कर दी गई है। बल्कि एक नवंबर से 31 जनवरी 2022 तक खरीद को ले समय का भी निर्धारण कर दिया है। सरकार द्वारा जो धान का मूल्य निर्धारित किया गया है उसके मुताबिक साधारण धान 1940 प्रति ङ्क्षक्वटल तथा ग्रेड ए 1960 रुपये प्रति क्विंटल है। जिले में धान खरीद के लिए पंचायत स्तर पर पैक्स एवं प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल के माध्यम से धान की खरीद की जाएगी। तय कार्यक्रम के मुताबिक समितियों का अंकेक्षण कर लिया गया है। 31 अक्टूबर तक भंडारण की व्यवस्था, नमी मापक यंत्र, माप तौल यंत्र का नवीनीकरण खरीद कार्यक्रम का बैनर पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार आदि कार्य किया जाएगा। 25 अक्टूबर तक बैठक कर समितियों का चयन किया जाएगा।

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धान खरीद के लिए चयनित समितियों को 31 अक्टूबर तक कैश क्रेडिट उपलब्ध कराया जाएगा और एक नवंबर से धान की खरीदारी शुरू कर दी जाएगी। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि किसान सलाहकारों से समन्वय स्थापित कर समय से धान बेचने की जानकारी किसानों के बीच दें ताकि अधिक से अधिक किसान इस व्यवस्था का लाभ उठा सकें।

अन्नदाता को उनके उत्पादन का सरकार द्वारा समर्थित मूल्य मिले, इसके लिए विभाग गंभीर है। अक्सर तैयारी नहीं होने के कारण समय से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाती है। जिसके कारण किसानों को औने-पौने दामों पर उत्पादन बेचने की मजबूरी होती है। इस बार ऐसा नहीं होगा, इसके लिए सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिया है। - अरविंद पासवान, जिला सहकारिता पदाधिकारी

बिचौलिया से मुक्ति

सरकार के प्रयास से किसान अब किसानों को बिचौलिया से मुक्ति मिल जाएगी। बिचौलिया कम राशि में धान खरीदते थे। इससे किसानों का आर्थिक शेषण होता है। जिला प्रशासन ने इस बार किसानों को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हो, इसकी तैयारी कर ली है। कई निर्देश जारी किए हैं।  


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