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Bihar Chunav Results 2020: कोसी ने तेजस्वी को किया निराश, एनडीए को 13 में से 10 पर मिली जीत

Bihar Chunav Results 2020 कोसी इलाके में इस बार एनडीए का प्रदर्शन बेहतर रहा। कोसी के 13 में से 10 सीट पर एनडीए की जीत हुई। जबकि इससे पूर्व कोसी में एनडीए नौ सीट पर ही थी। चार सीट पर राजद का कब्जा था।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 08:10 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 08:10 PM (IST)
Bihar Chunav Results 2020: कोसी ने तेजस्वी को किया निराश, एनडीए को 13 में से 10 पर मिली जीत
कोसी के 13 में से 10 सीट पर एनडीए की जीत हुई।

 सहरसा [अमरेंद्र कांत]। Bihar Chunav Results 2020: कोसी इलाके का अपना एक अलग इतिहास रहा है। यहां के लोग जिसे पलकों पर जब-जब बैठाया तब उसकी सरकार बनीं। इस इलाके से सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर भारत सरकार व बिहार सरकार में कई कबीना मंत्री रहे। हालांकि अब भी कोसी का पिछड़ापन दूर नहीं हो पाया। वर्ष 2020 के विस चुनाव की बात करें तो कोसी ने इसबार भी तेजस्वी को निराश ही किया। यहां के लोगों पर प्रतिपक्ष के नेता अपनी छाप नहीं छोड़ सके और यहां फिर से लोगों ने एनडीए का ही साथ दिया। 

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कांग्रेस के जमाने में यहां के लगभग सभी सीट कांग्रेस के खाते में जाती थी। यही वजह है कि सुपौल जिला के बलुआ बाजार निवासी स्व. जगन्नाथ मिश्रा मुख्यमंत्री भी कई बार रहे। लेकिन वर्ष 1990 में समीकरण बदला और कांग्रेस के गढ़ में जनता दल का परचम लहराया। जनता दल की सूबे में सरकार बनी। जनता दल से जब राजद अलग हुई तो यहां के लोग राजद पर भरोसा जताकर उसकी झोली में कई सीट दे दी। राजद भी सरकार में रही। लेकिन एक बार फिर वक्त ने करवट ली और 2005 में यहां के लोगों ने नीतीश कुमार पर भरोसा जताया और अधिकांश सीट जदयू के खाते में चली गई। सूबे में उसी की सरकार बनीं। यह सिलसिला 2015 तक जारी रहा। लेकिन 2020 के चुनाव में कोसी के लोगों का मूड बदला हुआ था। परंतु चुनाव आते-आते फिर से एक बार एनडीए पर भरोसा जताया और कोसी के 13 में से 10 सीट पर एनडीए की जीत हुई। जबकि इससे पूर्व कोसी में एनडीए नौ सीट पर ही थी। चार सीट पर राजद का कब्जा था।

2020 के चुनाव परिणाम को देखें तो 2015 में सहरसा की सीट राजद के खाते में थी। लेकिन इसबार भाजपा ने जीत दर्ज की। महिषी भी राजद के पास थी। परंतु यहां भी जदयू ने बाजी मार ली। सिर्फ सिमरीबख्तियारपुर में राजद की लाज बच गई। सुपौल की बात करें तो सुपौल की पिपरा विधानसभा सीट राजद के खाते में थी। इस चुनाव में भाजपा से राजद में शामिल हुए पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार को राजद ने मैदान में उतारा और वहां के निवर्तमान विधायक यदुवंश कुमार यादव निर्मली विधानसभा से उम्मीदवार हुए। परंतु निवर्तमान विधायक को जहां जदयू ने पटखनी दे दी। वहीं पिपरा सीट भी जदयू ने राजद से छीन ली। मधेपुरा में राजद का प्रदर्शन गत विधानसभा की तुलना में बेहतर रहा। मधेपुरा सीट पर 2015 में भी राजद ने जीत हासिल की थी इस बार भी वहां से राजद के प्रो. चंद्रशेखर ने बाजी मारी। वहीं सिहेंश्वर सुरक्षित विधानसभा जो जदयू के खाते में थी और यहां के निर्वतमान विधायक रमेश ऋषिदेव मंत्री भी थे उन्हें राजद के चंद्रहास चौपाल ने हरा दिया। हालांकि पूर्व से यह अनुमान लगाया जा रहा था कि महागठबंधन सहरसा में चारों सीट, सुपौल में दो सीट और मधेपुरा में तीन सीट यानि कुल नौ सीट जीत सकती है। लेकिन परिणाम इसके उलट रहा।


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