Bihar By Elections Result 2021: 2025 में बचा है चार साल, उपचुनाव छोड़ गया कई सवाल, तारापुर में RJD और NDA का बढ़ा वोट
Bihar By Elections Result 2021 तारापुर में निशाने पर लगा जदयू का तीर। एनडीए की हवा में बह गया राजद और कांग्रेस। क्यों नहीं जला लालटेन समीक्षा में जुटा राजद। कांग्रेस और चिराग पासवान उद्देश्य से विफल रहा।
मुंगेर [रजनीश]। राज्य और देश की हाट सीट बनी तारापुर विधानसभा उप चुनाव में एनडीए का दबदबा रहा। एनडीए का चुनाव चिह्न तीर बिल्कुल निशाने पर लगा। यहां के वोटरों ने एक बार फिर से लालटेन को जलने नहीं दिया। तारापुर विधानसभा में 2005 के बाद से लालटेन जलाने का प्रयास चल रहा है। अब लालटेन जलाने के लिए राजद को 2025 तक का इंतजार करना होगा।
राजद इन चार वर्षों में तारापुर की वोटरों को गोलबंद करने में कितना सफल होता है यह तो चार वर्ष बाद अगला विधानसभा चुनाव नतीजा के बाद ही पता चल सकेगा, फिलहाल राजद की चूक कहां हुई, इस बार जिला से लेकर प्रदेश तक जोड़-घटाव किया जा रहा है। वोट का समीकरण मिलाया जा रहा है। राजद ने वैश्य को टिकट देकर एनडीए को सकते में डाल दिया था। वैश्य कार्ड खेलकर जीत सुनिश्चित करने की पटकथा राजद ने लिख ली थी, पर ऐसा नहीं हो सका। तारापुर की जनता ने नीतीश के विकास माडल को तव्वजो दिया। इस जीत ने राजनीतिक संदेश दिया है कि यहां की जनता विकास और भयमुक्त माहौल चाहती है।
गृह प्रखंड में राजद प्रत्याशी नहीं कर सके धमाल
राजद प्रत्याशी अरुण कुमार साह का घर असरगंज है। असरगंज प्रखंड में राजद हमेशा चार हजार से ज्यादा का लीड लेता था, पर इस बार नहीं ऐसा हो सका। यह जरूर है कि तारापुर जो कुशवाहा बहुल क्षेत्र है, वहां राजद की स्थिति ठीक रही। तारापुर से हमेशा एनडीए आगे रहता था, अबकी बार एनडीए के लिए तारापुर प्रखंड खास नहीं रहा। राजद प्रत्यशी का तारापुर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक पृष्ठभूमि ज्यादा नहीं रही है, भागलपुर में राजनीतिक अच्छी पैठ रही है। उप चुनाव में हम उम्मीदवार की बात करें तो लोजपा को छोड़ कर बाकी की सारी पार्टियों ने स्थानीय लोगों को उम्मीदवार बनाया था। राजद के उम्मीदवार अरुण कुमार भी तारापुर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं। राजद के पुराने कार्यकर्ता हैं, लेकिन वह भागलपुर की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। ऐसे में वोटरों के बीच उनकी जितनी पकड़ होनी चाहिए थी, वह पूरे चुनाव में नहीं दिखी।
राजद और एनडीए का वोट बढ़ा
2020 की तुलना में इस बार वोट फीसद थोड़ा कम था, इसके बाद भी राजद और एनडीए का वोट प्रतिशत बढिय़ा रहा। 2020 में जदयू से मेवालाल चौधरी को 64468 वोट मिले, जबकि दिव्य प्रकाश के खाते में 57243 वोट पड़े। उप चुनाव में राजद राजद को 75145 और एनडीए को 78966 वोट मिले। कुल मिलाकर 2020 की तुलना में राजद को उप चुनाव में 18 हजार के करीब ज्यादा वोट मिले। इसी तरह एनडीए को 14498 वोट मिले। 18 हजार ज्यादा वोट आने के बावजूद राजद यह सीट नहीं निकाल सका।
एनडीए के साथ रहे सवर्ण वोटर
उप चुनाव में सवर्ण वोटरों ने एनडीए का साथ दिया। इस बार कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे राजेश मिश्रा को 2020 में 11 हजार से ज्यादा वोट आथा, सवर्ण वोटरों ने वोट किया था, अबकी बार चार हजार से नीचे रह गया। सवर्ण वोटर एनडीए के साथ हो लिए। कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में अगड़ी जाति की गोलबंदी नहीं दिखी। इससे जदयू को जबरदस्त फायदा मिला। जदयू की जीत का बड़ा फैक्टर मुख्यमंत्री नीतीश का विकास माडल रहा। इस माडल को लेागों ने पसंद किया और एनडीए के पक्ष में जमकर वोटिंग की।