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Bihar Board 10th Result 2020 : स्टेट टॉपर की सूची से भागलपुर बाहर, लगातार तीन सालों से गिर रहा ग्राफ

Bihar Board 10th Result 2020 भागलपुर शिक्षा का हब कहा जाता था। लेकिन तीन सालों से मैट्रिक परीक्षा में छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन से साफ हो गया है कि शिक्षा में पिछडऩे लगा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 04:47 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 04:47 PM (IST)
Bihar Board 10th Result 2020 :  स्टेट टॉपर की सूची से भागलपुर बाहर, लगातार तीन सालों से गिर रहा ग्राफ
Bihar Board 10th Result 2020 : स्टेट टॉपर की सूची से भागलपुर बाहर, लगातार तीन सालों से गिर रहा ग्राफ

भागलपुर [रजनीश]। बिहार माध्यमिक परीक्षा (बोर्ड) 2020 का रिजल्ट मंगलवार को शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा और बोर्ड के अधिकारियों ने जारी कर दी। इस बार भी स्टेट टॉपर की टॉप-10 सूची में भागलपुर जगह बनाने में सफल नहीं रहा। एक भी छात्र-छात्राएं सूची में शामिल नहीं हुई। लगातार तीन सालों से भागलपुर का मैट्रिक में प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। इससे जिले के सरकारी स्कूलों के शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं। भागलपुर में हर साल 45 से 48 हजार के बीच छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल होते हैं। 2020 में 45261 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। इसमें 22280 छात्र और 23011 छात्राएं थीं। हर साल की तुलना में इस बार छात्राओं की संख्या छात्रों की अपेक्षा 761 ज्यादा थी। इसके बाद भी यहां के एक भी बच्चों का रिजल्ट स्टेट लेवल पर अव्वल नहीं रहा। किसी छात्रों का प्रदर्शन राज्यस्तरीय नहीं रहा।

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नींव ही हो रहा कमजोर

भागलपुर शिक्षा का हब कहा जाता था। लेकिन, तीन सालों से मैट्रिक परीक्षा में छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन से साफ हो गया है कि शिक्षा में पिछडऩे लगा है। मैट्रिक से ही छात्र-छात्राओं की करियर की शुरुआत होती है। उच्च शिक्षा की नींव मैट्रिक से ही माना जाता है। ऐसे में जिले का स्टेट लेवल पर प्रदर्शन बेहतर नहीं होना अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

कदाचारमुक्त हुई थी परीक्षा

इस बार मैट्रिक परीक्षा भागलपुर सदर अनुमंडल सहित कहलगांव और नवगछिया कुल 57 केंद्रों पर दोनों पालियों में 17 से 24 फरवरी तक हुई थी। परीक्षा में 45 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं शामिल हुई थी। आठ दिनों तक चले परीक्षा पूरी तरह कदाचारमुक्त संपन्न हुई थी। इसका परिणाम मार्च में आना था। लेकिन, कोरोना और लॉकडाउन होने के कारण मूल्यांकन कार्य डेढ़ महीने तक बाधित हो गया। इसके बावजूद छात्र-छात्राओं को बेहतर रिजल्ट की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण होगी पढ़ाई, मंथन शुरू

बोर्ड रिजल्ट में भागलपुर के एक भी परीक्षार्थी का स्टेट टॉप की सूची में शामिल नहीं होने से सरकारी स्कूलों में होने वाले पढ़ाई पर सवाल उठने लगे हैं। शिक्षा कार्यालय में इसको लेकर मंथन भी शुरू हो गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार सिंह भी जिले का प्रदर्शन से आश्चर्यचकित हैं। उन्होंने कहा कि इसी साल ज्वाइन किया हूं। अब सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। जिले में 2021 में होने वाले बोर्ड परीक्षा का परिणाम बेहतर हो, इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है।


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