Bihar assembly elections 2020 : मतदाता खामोश, प्रत्याशियों की भीड़ में बेचैनी
Bihar assembly elections 2020 सीमांचल इलाके में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया। इस बार भी यहां ओवैसी फैक्टर का असर देखने को मिला। अधिकांश सीटों पर राजद और महागठबंधन में मुकाबला रहा। कोसी-सीमांचल के सात जिलों में 37 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए। 541 प्रत्याशी मैदान में है।
भागलपुर [संजय सिंह]। Bihar assembly elections 2020 : तीसरे चरण के मतदान में मतदाताओं ने खामोश रहकर वोट डाले। मतदाताओं की खामोशी से प्रत्याशियों की भीड़ में बेचैनी बढ़ी हुई है। सीमांचल में ओवैसी फैक्टर कई सीटों पर गुणा-गणित बिगाडऩे के लिए काफी है। कोसी-सीमांचल के सात जिलों की 37 विधानसभा सीटों के लिए कुल 541 प्रत्याशी मैदान में है।
शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं के बीच मतदान को लेकर कोलाहल कम रहा। ग्रामीण इलाकों में वोटरों की लंबी कतार दिखी। लोकतंत्र के महापर्व का सबसे अधिक उत्साह महिला वोटरों, खासकर अल्पसंख्यक महिलाओं में देखने को मिला। कोसी और सीमांचल इलाके हैं तो आस-पास ही, लेकिन दोनों इलाकों के मतदाताओं का मूड अलग-अलग दिख रहा है। बड़े नेताओं का चुनावी दौरा कोसी-सीमांचल इलाके पर केंद्रित दिखा। इन नेताओं के दौरों के संदेश को भी मतदाताओं ने अलग-अलग तरह से लिया। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पूर्णिया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो घोषणा की, उसका व्यापक प्रभाव कोसी और सीमांचल के वोटरों पर पड़ा। राजनीतिक विशेषज्ञ यह अनुमान लगा रहे थे कि इन दोनों इलाकों में राजग के वोटों का बिखराव होगा। नीतीश की घोषणा के बाद यहां इसमें काफी हद तक कमी आई है। इस चुनाव में कई उम्मीदवारों पर वोटकटवा होने का भी आरोप लग रहा है। यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि ऐसे उम्मीदवार चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं। लोगों से मिले फीडबैक के अनुसार ऐसे उम्मीदवारों पर मतदाताओं ने अधिक ध्यान नहीं दिया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ सीटों को छोड़कर अधिकांश सीटों पर आमने-सामने की टक्कर होगी। किशनगंज जिले में असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के पक्ष में मतदाताओं की गोलबंदी देखी गई। अधिकांश मतदान केंद्रों पर कोरोना को लेकर सावधानी बरतने की कोशिश की गई। पूर्णिया में इसे लेकर मतदाताओं और सुरक्षाबलों में झड़प भी हो गई।