Bihar Assembly Election: गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह शुरू करेंगीं सियासी पारी, लालटेन थामेंगीं या जाएंगी कमल के साथ
शूटिंग चैंपियन श्रेयसी सिंह बिहार के बांका या जमुई से अपनी सियासी पारी शुरू कर सकती हैं। आरजेडी व बीजेपी में से किसी एक को चुनने का उनके पास विकल्प है। इस संबंध में वे जल्दी ही औपचारिक घोषणा कर देंगीं।
जमुई, जेएनएन। Bihar Assembly Election 2020: निशानेबाजी में देश भर में ख्याति मिलने के बाद जमुई की बेटी व गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह सियासत पर निशाना लगाने की तैयारी में हैं। उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) दोनों पार्टियों से ऑफर मिला है। वे बांका के अमरपुर या जमुई के जमुई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकतीं हैं। इसकी केवल औपचारिक घोषणा शेष है।
नीतीश कुमार को लेकर परिवार के मन में टीस
श्रेयसी सिंह के पिता दिग्विजय का सिंह का देश की राजनीति में बड़ा कद था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मित्र होने के बावजूद उन्हें जनता दल यूनाइटेड (JDU) से बेदखल कर दिया गया। इसके बावजूद बांका लोकसभा से चुनाव जीतकर उन्होंने राजनीति में एक नया इतिहास रच दिया था। मां पुतुल देवी बीजेपी में रहीं। बाद में 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर पुतुल देवी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। इसके लिए वे सीधे तौर पर नीतीश कुमार पर ही ठीकरा फोड़ती हैं। इसी चीज की टीस इस परिवार के मन में है।
तेजस्वी ने दिया आरजेडी से चुनाव लड़ने का ऑफर
इस बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने श्रेयसी सिंह को पार्टी ज्वाइन कर अमरपुर से चुनाव लड़ने का ऑफर भी दे दिया। इसकी व्यापक स्तर पर तैयारी चल रही है। श्रेयसी के बहाने आरजेडी राजपूत वोट को भी साधने की तैयारी कर रही है।
बीजेपी का भी ऑफर, चिराग का समर्थन
इधर बीजेपी का भी एक खेमा श्रेयसी को विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहता है। जमुई के लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) सांसद चिराग पासवान भी इससे सहमत हैं। वे श्रेयसी को जमुई विधानसभा से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। नीतीश विरोधी होने के कारण चिराग और श्रेयसी की आपस में लगभग सहमति बन चुकी है। जमुई सांसद होने के कारण चिराग मुख्यालय की सीट एलजेपी के लिए चाहते थे, लेकिन श्रेयसी के नाम पर सहमति बनने पर उन्होंने जमुई विधानसभा सीट को छोड़कर चकाई पर दावेदारी बढ़ा दी है। यहां चिराग एक तीर से दो निशाना साधना चाहते हैं। एक तो नरेन्द्र सिंह जैसे बड़े कद के सामने उन्हें श्रेयसी के रूप में एक बड़ा मोहरा मिल जाएगा। दूसरा जमुई में राजपूत वोट बैंक को साधने में भी कामयाब हो जाएंगे।
फिलहाल पत्ते नहीं खोल रहीं श्रेयसी
इधर श्रेयसी के मंसूबे को टटोलने का प्रयास किया गया तो उन्होंने साफ लहजे में कहा कि घोषणा का इंतजार कीजिए। हालांकि, कर्मभूमि होने के नाते वे बांका लोकसभा क्षेत्र नहीं छोड़ना चाहती हैं। वैसे, उन्होंने कहा कि पार्टी जो फैसला करेगी, उसके लिए तैयार हैं।