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Bihar Assembly Elections 2020: कटिहार में चुनाव जीत के लिए जग रही आस्था, कहीं भागवत कथा तो कहीं हो रही शिव की आराधना

कटिहार में चुनावी रंग गहराने के साथ यह धारा और मजबूत होती जा रही है। सियासी कश्ती को किनारा लगाने के लिए प्रत्याशी भगवान की भक्ति में भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं। धर्म के अनुसार प्रत्याशियों की दस्तक धर्म स्थलों पर बढऩे लगी है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 05:29 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:29 PM (IST)
Bihar Assembly Elections 2020: कटिहार में चुनाव जीत के लिए जग रही आस्था, कहीं भागवत कथा तो कहीं हो रही शिव की आराधना
कटिहार में चुनावी महासंग्राम में आस्था व संस्कार की अलग धारा बहने लगी है।

कटिहार [प्रदीप गुप्ता]। राजनीति में भले ही झूठ, फरेब व बेअदबी अब मायने नहीं रखता हो, लेकिन चुनावी महासंग्राम में आस्था व संस्कार की अलग धारा बहने लगी है। चुनावी रंग गहराने के साथ यह धारा और मजबूत होती जा रही है। सियासी कश्ती को किनारा लगाने के लिए प्रत्याशी भगवान की भक्ति में भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं। धर्म के अनुसार प्रत्याशियों की दस्तक धर्म स्थलों पर बढऩे लगी है। घरों में पंडित व मौलवी अलग कमान संभाले हुए हैं। आम दिनों में बुजुर्ग को देख कन्नी काटने वाले नेताजी बुजुर्गों पर नजर पड़ते ही चरण छू रहे हैं। यह नजारा लगभग हर विस क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। चुनाव को लेकर बदलते राजनीतिक गणित में इस बार भगवान के प्रति आस्था कुछ ज्यादा ही बढ़ी है।

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नामांकन में शुभ मुहूर्त की दिखी फिक्र

चुनाव को लेकर नामांकन और शारदीय नवरात्र साथ में होने के कारण शुभ मुहुर्त की फिक्र भी खूब दिखने को मिली है। यही वजह है कि सातों विस क्षेत्र के अधिकांश प्रत्याशी तृतीया की तिथि को मुफीद मानकर सोमवार को अपना नामांकन दर्ज कराया है। मंगलवार को चौठ होने के साथ नामांकन का अंतिम दिन है। ज्योतिष के अनुसार यह शुभ मुहुर्त नहीं माना जाता, इसके कारण सोमवार को ही नामांकन को लेकर ज्यादा भीड़ रही।

कहीं भागवत तो कही यज्ञ, जोड़ा छागर की भी कबूलती :

चुनावी सफर पार करने के लिए प्रत्याशी भगवान को मनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, विकास के दावे और घोषणाओं के सहारे जनता का नब्ज टटोलने का प्रयास कारगर नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि चुनाव से पूर्व एक नेताजी के घर भागवत का आयोजन हुआ था, तो एक नेताजी यज्ञ का आयोजन कर जीत के लिए आहूति दे रहे हैं। नामांकन के दिन मंदिर की चौखट पर मत्था टेक कई प्रत्याशी नामांकन के लिए समाहरणालय पहुंचे, तो एक नेताजी काली मंदिर में दंडवत होकर इस बार जीत के लिए जोड़ा छागर की कबूलती की है। चुनावी रंग में आस्था का यह सैलाब भी दिलचस्प दिख रहा है।

हाथ जोडऩे का पुराना पड़ रहा ट्रेंड

विस चुनाव में नामांकन के साथ प्रत्याशियों का दौरा भी लगातार जारी है। वोट मांगने के लिए हाथ जोडऩे का ट्रेंड पुराना पडऩे लगा है।इस बार नेताजी सीधे बुजुर्ग वोटरों के चरणों में शरणागत हो रहे हैं। बिना आर्शीवाद लिए सिर से हाथ हटने नहीं देते हैं।


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