Bihar Assembly Election Results 2020 : वोटों के बिखराव के बाद भी मेवालाल के जीत के हैं कई मायने, तारापुर से फिर बने विधायक
Bihar Assembly Election Results 2020 तारापुर विधानसभा सीट से जदयू प्रत्याशी डॉ मेवालाल चौधरी एक बार फिर विधायक के रूप में चुने गए। इस बार यहां वोटों में भी बिखराव हुआ था। इसके बावजूद जदयू उम्मीदवार ने अपनी सीट बचा ली।
मुंगेर, जेएनएन। तारापुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू नेता डॉ मेवालाल चौधरी तमाम कठिनाइयों के बाद लगातार दूसरी बार विधानसभा का चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इस बार लोक जनशक्ति पार्टी सहित भाजपा के जनाधार वाले वोटों के बिखराव के बावजूद उन्हें जीत मिली। बीते चुनाव की अपेक्षा जीत का अंतर लगभग आधा हो गया। चुनाव प्रचार के दौरान स्थिति बड़ी जटिल दिखाई पड़ गई थी। तमाम अंतर्विरोध के बावजूद पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी एवं सम्राट चौधरी के समर्थन में आगे आने के कारण भी जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ।
विधानसभा के पांच प्रखंडों में टेटिया बम्बर, खडग़पुर एवं संग्रामपुर प्रखंड के मतदाताओं ने उन्हें विजय द्वार पर खड़ा कर दिया। एनडीए समर्थित मतदाताओं में बिखराव के बावजूद उनकी जीत महत्वपूर्ण मानी जा रही है । डॉ चौधरी के चुनाव जीतने में इलाके के लोग कई कारणों को गिना रहे हैं। सवर्ण मतदाता किसी स्थिति में राजद के नेतृत्व को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थे। अति पिछड़ा वर्ग पंचायत निकायों के चुनाव सहित अन्य जगहों पर उन्हें आरक्षण के जरिए मुख्यधारा में जोडऩे के नीतीश कुमार के प्रयासों को भूले नहीं हैं। तारापुर में कुशवाहा जाति राजनीतिक रूप से काफी संवेदनशील मानी जाती है तथा प्रमुख दलों से दूसरे जाति के उम्मीदवार होने के कारण भी तमाम असंतोष के बावजूद अपने स्वजातीय एकता के लिए उन्होंने एकजुट होकर डॉ चौधरी को अपना मत दिया। महिला सशक्तिकरण के लिए नीतीश कुमार तथा प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा किए जा रहे जन सरोकार के कार्यों को लेकर महिलाओं का विश्वास नीतीश कुमार के प्रति बना रहा। विधायक डॉ चौधरी अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में कई उल्लेखनीय कार्यों को गिनाते हैं। परंतु जनता की नजर में उनका लोगों के बीच निरंतर संपर्क में बने रहना भी उनकी जीत का कारण रहा।
कुछ लोगों ने यह भी कहा कि मतभेद कार्यों को लेकर था, परंतु इतना बड़ा नहीं जिसके लिए उन्हें वोट नहीं दिया जाए। भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष शंभू शरण चौधरी ने कहा कि डॉ मेवालाल चौधरी की जीत केंद्र की भाजपा तथा बिहार के गठबंधन सरकार के जन सरोकार कार्यों के प्रति संवेदनशीलता का अनूठा उदाहरण है । इसमें सरकार की कार्यकुशलता नेताओं के व्यक्तिगत व्यक्तित्व से ऊपर रहा। जनता ने सरकार के कार्यों को पसंद किया था। भाजपा किसान प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी ने कहा कि क्षेत्र में एनडीए प्रत्याशी की जीत पार्टी के प्रति निष्ठा रखने वाले कार्यकर्ताओं के प्रयासों का परिणाम है।
प्रखंड प्रमुख संजय कुमार सिंह ने कहा कि तारापुर की राजनीति में कुशवाहा जाति के अहमियत को कम कर आंका नहीं जा सकता है। 1952 से अब तक के चुनाव में अधिकांश समय कुशवाहा जाति के ही प्रतिनिधि चुनाव जीते हैं और राजनीतिक रूप से समृद्ध कुशवाहा समाज किसी भी स्थिति में क्षेत्र से नेतृत्व विहीन होना नहीं चाहेगा। युवा नेता समीर कुमार मधुकर ने कहा कि विधायक का व्यवहार और सरकार के कार्य दोनों इस जीत में कारण बने हैं। राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी का क्षेत्र से बाहर का होने के कारण भी राह आसान हुई। विधिज्ञ संघ के पूर्व अध्यक्ष हरे कृष्ण वर्मा ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी, निर्दलीय राजेश कुमार मिश्रा तथा रालोसपा के प्रत्याशी को प्राप्त अधिकांश मत एनडीए गठबंधन का ही है। तारापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों को लेकर जनमानस में जो बड़ी सहानुभूति बनी है। इतने बड़े वोट बिखराव के बावजूद डॉ चौधरी की जीत साबित करता है कि तारापुर एनडीए का सुरक्षित गढ़ है।