बिहार विधानसभा चुनाव 2020 : कोसी की राजनीतिक हिस्सेदारी में महिलाएं आज भी उपेक्षित
कोसी इलाके में महिलाएं राजनीति में आज भी उपेक्षित हैं। यहां की 13 विधानसभा सीटों पर मात्र एक महिला की भागीदारी है। इस बार आठ महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरी हैं। लेकिन इसके बाद भी उनका अनुपात काफी कम है।
भागलपुर [संजय सिंह]। हर चुनावी घोषणापत्र में नारी सशक्तीकरण की तो बात होती है, लेकिन राजनीतिक दल इस दिशा में कम ही ध्यान देते हैं। कोसी इलाके के सुपौल, सहरसा और मधेपुरा की 13 विधानसभा सीटों पर मात्र एक महिला विधायक हैं। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रमुख राजनीतिक दल महिला सशक्तीकरण को लेकर कितने गंभीर हैं। यह सवाल कोसी इलाके में जोरदार तरीके से उठाया जा रहा है।
सहरसा से तीन महिलाएं चुनाव मैदान में हैं। पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद सहरसा से राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में डटी हैं। यहां भाजपा से महिला मोर्चा की लाजवंती झा भी दावेदार थीं, लेकिन इन्हें टिकट नहीं मिला। सोनवर्षा से दो महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं। लोजपा से सरिता पासवान और बसपा से किरण देवी। पूरे जिले की चार विधानसभा सीटों पर 67 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। यहां महिला वोटरों की संख्या छह लाख 22 हजार 640 है। पंचायती राज व्यवस्था के तहत 151 मुखिया में 76 महिलाएं हैं। विडंबना यह है कि इन महिलाओं की राजनीति की कमान या तो उनके पति संभालते हैं या उनके पुत्र। यही स्थिति मधेपुरा की भी है। छह लाख सात हजार 302 महिला मतदाता वाले इस क्षेत्र से मात्र दो महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में डटी हैं। यहां चार विधानसभा सीटें हैं। आलमनगर विधानसभा सीट पर लोजपा की सुनीला देवी हैं। बिहारीगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी सुभाषिनी बुंदेला चुनावी मैदान में हैं। यह कोसी के कद्दावर नेता शरद यादव की बेटी हैं। चुनावी मैदान में बुंदेला के स्थानीय नहीं होने का मामला भी विपक्षियों द्वारा उठाया जा रहा है, लेकिन विरोधी अपनी चाल में सफल नहीं हो पा रहे हैं। मधेपुरा की चारों विधानसभा सीटों पर 60 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। मधेपुरा के 170 मुखिया में से 68 महिलाएं हैं। सुपौल जिले में पांच विधानसभा सीटें हैं। यहां त्रिवेणीगंज से जदयू की निवर्तमान विधायक वीणा भारती हैं। यहां भी वीणा सहित तीन महिला उम्मीदवार चुनावी रण में हैं। लोजपा ने रेणु लता भारती को त्रिवेणीगंज और शकुंतला प्रसाद को पिपरा विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां 75 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। मधेपुरा की मीनाक्षी यादव कहती हैं कि राजनीतिक दल हमेशा से महिलाओं की अनदेखी करते हैं। टिकट बंटवारे में भी महिलाओं को आधी भागीदारी नहीं दी जाती है।