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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 : अबकी बार लाल गलियारे पर वोट की चोट

Bihar assembly elections 2020 मुंगेर में इस बार मतदाताओं ने काफी वोट किया। नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र में भी वोट प्रतिशत बढ़ा हुआ है। डीआइजी मनु महाराज ने खुद कमान संभाल रखी थी। बांका जमुई और लखीसराय के एसपी भी सतर्क थे।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 09:53 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 09:53 AM (IST)
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 : अबकी बार लाल गलियारे पर वोट की चोट
मुंगेर में नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र में हुआ काफी मतदान।

भागलपुर [आनंद कुमार सिंह]। Bihar assembly elections 2020 :  पूर्व बिहार के अधिकांश इलाके नक्सली गतिविधियों के लिए बदनाम थे। ताजा विधानसभा चुनाव में इस बदनामी को विकास की रफ्तार से पीछे छोडऩे का काम किया गया। नक्सल प्रभावित जमुई, मुंगेर, लखीसराय और बांका जिले में जमकर वोटों की बारिश हुई। जमुई जिले के नक्सल प्रभावित चकाई विधानसभा क्षेत्र में 60 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

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खास बात यह रही कि चुनाव बहिष्कार के लिए ना तो कहीं नक्सली पर्चे-फरमान नजर आए, ना ही लोग उस तरफ ध्यान देने को बेचैन दिखे। चुनाव से ठीक एक दिन पहले जमुई में चर्चित नक्सली सोरेन कोड़ा उर्फ डॉक्टर ने आत्मसमर्पण कर दिया। वह 2005 में मुंगेर के तत्कालीन एसपी केसी सुरेंद्र बाबू की हत्या के अलावा हाल में ही लखीसराय के शृंगीऋषि धाम के पुजारी के अपहरण और हत्याकांड में शामिल था। उसपर जमुई, लखीसराय और मुंगेर जिले में एक दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। पुलिस मान रही है कि चुनाव से ठीक पहले इस आत्मसमर्पण से इतना संदेश जाता है कि नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुडऩा चाह रहे हैं। सोरेन कोड़ा हार्डकोर नक्सली व एरिया कमांडर प्रवेश दा का दाहिना हाथ रहा है। मुंगेर डीआइजी मनु महाराज ने चुनाव के दौरान नक्सलियों को उनके मांद में ही रखने के लिए पुख्ता व्यवस्था की थी। जमुई, लखीसराय और मुंगेर एसपी भी नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने को लेकर सतर्क थे। दो हेलीकॉप्टरों से नक्सली गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। बांका में 50 और जमुई में 80 कंपनी अद्र्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी। मुंगेर के धरहरा निवासी राजू सिंह बताते हैं कि इस चुनाव में उनके साथ-साथ गांव वालों ने भी निर्भीक होकर मतदान किया। सुरक्षा-व्यवस्था इतनी पुख्ता थी कि लोगों को घर से निकलने में संकोच नहीं हुआ। चकाई की श्वेता भारती और बेलहर की सपना राज भी कहती हैं कि इस चुनाव में नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों ने विकास के सहारे लाल गलियारे पर चोट की है।

जिला : नक्सल प्रभावित मतदान केंद्र

मुंगेर : 291

जमुई : 471

लखीसराय : 291

बांका : 810


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