Move to Jagran APP

Bihar Assembly Election 2020: बांका में जदयू के लिए सफलता का रिकार्ड बरकरार रखना इस बार बड़ी चुनौती

बांका जिले में पिछले दो चुनावों से जदयू जीत रहीं तीनों सीटें। राजद और भाजपा से गठबंधन बदलने पर भी नहीं पड़ा जीत में फर्क। हालांकि इस बार यहां पर जीत को बरकरार रखना जदयू के लिए बड़ी चुनौती है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 06:49 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 06:49 PM (IST)
Bihar Assembly Election 2020: बांका में जदयू के लिए सफलता का रिकार्ड बरकरार रखना इस बार बड़ी चुनौती
बांका जिले में पिछले दो चुनावों से जदयू जीत रहीं तीनों सीटें।

बांका, जेएनएन। बेशक पिछले डेढ़ दशक से सीट जीतने के लिहाज से जदयू जिला की सबसे बड़ी पार्टी है। पिछले दो विधानसभा चुनावों में उसकी सफलता का प्रतिशत पूरे सौ रहा है। यानी जदयू जिस सीट से जिसे उतार देर रहा है, उसकी जीत सुनिश्चित हो रही है। पिछली बार भाजपा के बदले राजद से गठबंधन कर मैदान में उतरने पर भी ना उसकी सीटों की संख्या में अंतर आई ना ही सफलता का प्रतिशत कम हुआ। 2010 और 2015 के चुनाव में जदयू जिला की तीन सीट अमरपुर, धोरैया और बेलहर से लड़ा। तीनों सीटों पर उसे जीत मिली।

loksabha election banner

पिछले दो चुनावों में बांका में सफलता का यह रिकार्ड किसी दल का नहीं है। इस दौरान राजद और भाजपा भी 50 प्रतिशत से अधिक सीटें नहीं जीत सकी। दोनों बड़े दल का आंकड़ा एक-एक तक ही सिमटा रहा। लेकिन 2020 के विधानसभा में जदयू को जिले की सीटों पर सफलता का शत-प्रतिशत रिकार्ड बरकरार रखना बड़ी चुनौती है। इसके पूर्व 2019 के उपचुनाव में वह बेलहर सीट गंवा चुका है। कोरोना काल में उनकी चुनावी सभा भी कम हुई है। दशहरा के साथ ही यहां सभी सीट पर चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा।

धोरैया पहली सीट, अमरपुर में 2010 में सफलता

जिले में जदयू ने पहली बार धोरैया सीट पर दर्ज किया था। जब पार्टी राज्य में सत्ता का स्वाद नहीं चख सकी थी, तभी 2000 के विधानसभा चुनाव में जदयू प्रत्याशी भूदेव चौधरी सीपीआइ के नरेश दास को हराकर जदयू के पहले विधायक बने थे। 2005 में जदयू ने बेलहर में जनार्दन मांझी को प्रत्याशी बनाकर चुनाव जीता। सबसे देरी से अमरपुर में सफलता मिली। 2010 के चुनाव में राजद के सुरेंद्र ङ्क्षसह कुशवाहा को पराजित कर जदयू के जनार्दन मांझी अमरपुर से विधायक बने। जदयू का तीनों सीटों पर 10 से 20 साल तक से कब्जा बरकरार है। जदयू का दायरा इन तीनों सीटों से बढ़ नहीं सका है। बांका और कटोरिया सीट पर ना कोई प्रत्याशी उतारा है ना कभी उसका इन सीटों पर विधायक हुआ है।

2015 में जदयू को मिली तीन सीटें

गिरिधारी यादव-बेलहर

जनार्दन मांझी-अमरपुर

मनीष कुमार-धोरैया

2010 के चुनाव में जदयू की जीती सीटें

गिरिधारी यादव- बेलहर

जनार्दन मांझी-अमरपुर 

मनीष कुमार-धोरैया

2005 नवंबर में जदयू के विधायक

भूदेव चौधरी- धोरैया

जनार्दन मांझी-बेलहर

2000 में जदयू के विधायक

भूदेव चौधरी-धोरैया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.