Bihar assembly election 2020 : जमुई को मिल सकती है सत्ता में भागीदारी की बड़ी सौगात, निर्दलीय विधायक पर दोनों की नजर
Bihar assembly election 2020 बिहार के इकलौता निर्दलीय विधायक सुमित जमुई जिले से जीते हैं। इनसे एनडीए और महागठबंधन दोनों ने संपर्क किया है। दोनों गठबंधनों ने इन्हें मंत्रीमंडल में शामिल करने का भरोसा दिया है। श्रेयसी सिंह को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
जमुई, जेएनएन। विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ होने के बाद सत्ता की भागीदारी में जमुई की एक बार फिर लॉटरी लग जाने की उम्मीद दिख रही है। बीते ढाई साल से मंत्री पद से मरहूम जमुई जिला के हिस्से में इस बार तीन-तीन मंत्रालय आने के संकेत मिल रहे हैं। राजनीतिक गलियारों से छन कर आ रही खबरों में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही बिहार के इकलौते निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह से एनडीए और महागठबंधन के नेता संपर्क में हैं। कहा यह जा रहा है कि दोनों पक्ष की ओर से मंत्रिमंडल का ऑफर मिल रहा है। फिलहाल सुमित ने सरकार में किसी के समर्थन और विरोध को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं किया है। साथ ही फैसला क्षेत्र की जनता के पाले में देकर बड़ा दांव खेल दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जदयू से बेटिकट हो निर्दलीय निर्वाचित सुमित एनडीए सरकार को समर्थन करते हैं या नहीं। वैसे चर्चा इस बात की भी है कि सुमित की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधी बात हुई है।
इधर एनडीए की सरकार में पूर्व मंत्री व झाझा से नवनिर्वाचित विधायक दामोदर रावत का शामिल होना तय माना जा रहा है। दामोदर इसके पहले भी नीतीश कुमार की पहली और दूसरी पाली के मंत्रिमंडल में शामिल रहे हैं। जबकि भाजपा कोटे से श्रेयसी सिंह की दावेदारी मजबूत बताई जा रही है। इसके संकेत विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी भाजपा नेताओं द्वारा दिए जा रहे थे। तब तो युवा एवं कला संस्कृति मंत्रालय तक की बात कही जा रही थी। चुनाव प्रचार केे संकेत और राजनीतिक गलियारों के अनुमान सही साबित हुए तो एक और बड़ी बात होगी की पहली बार गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय से 2-2 मंत्री होंगे। यहां यह बताना लाजमी हैै कि झाझा से नवनिर्वाचित विधायक दामोदर रावत तथा जमुई से नवनिर्वाचित विधायक श्रेयसी सिंह की जन्मभूमि गिद्धौर ही है। श्रेयसी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व दिग्विजय सिंह एवं पूर्व सांसद पुतुल कुमारी की पुत्री हैं।
चंद दिनों में ही बदल गई परिस्थितियां
कहते हैं कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसा ही दृश्य जमुई में चुनाव परिणाम के बाद सामने आ रहा है। कल तक सुमित जदयू से टिकट पाने के लिए पार्टी के नेताओं के पीछे दौड़ लगा रहे थे। आज जब चकाई के मतदाताओं ने विधानसभा का टिकट थमा दिया तो जदयू के वही नेता अब सुमित से बात करने के लिए बेचैन हैं लेकिन सुमित हैं कि फिलहाल बात करने को तैयार ही नहीं। यहां बता दें कि राजद और जदयू का संबंध विच्छेद होने के बाद से ही सुमित जदयू को मजबूत करने में लगे थे। इसके पहले भी झामुमो से चुनाव जीतकर सुमित जदयू में शामिल हुए थे। लेकिन अंतिम क्षण में राजद से जदयू में एंट्री पाए विधान पार्षद पार्टी का टिकट झटक ले गए। हालांकि चुनाव में सुमित ने राजद के सावित्री देवी को कड़े मुकाबले में परास्त कर जीत हासिल कर ली। जबकि जदयू प्रत्याशी संजय प्रसाद को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा।