जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्री ने कही यह बात, बोले-रासायनिक खेती से कतरनी धान पर पड़ रहा कुप्रभाव Bhagalpur News
भागलपुर मुंगेर खगडिय़ा लखीसराय बेगुसराय पटना समेत 12 जिलों में वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक जैविक खेती के लिए काम किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने भागलपुर में यह बातें कही।
भागलपुर, जेएनएन। जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य जैविक मिशन का गठन किया गया है। भागलपुर, मुंगेर, खगडिय़ा, लखीसराय, बेगुसराय व पटना समेत 12 जिलों में वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक जैविक खेती के लिए काम किया जा रहा है। तीन सालों में 159 करोड़ की राशि खर्च होंगे।
कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि तीन सालों में चलने वाली इस योजना में राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देना, पर्यावरण एवं जल प्रदूषण से बचाना, विषमुक्त सब्जी का उत्पादन कराना, मिट्टी के स्वास्थ्य रक्षा व मिट्टी में उपलब्ध लाभदायक जीवाणुओं का संरक्षण करना और खेती को टिकाऊ बनाना है। इससे किसानों की लागत मूल्यों में कमी आने के साथ उनके उत्पाद का अधिक मूल्य मिल सकेगा। मंत्री ने जिले भर के पंचायत कृषि कार्यालय का उद्घाटन भी किया।
मंत्री ने कहा कि जिलों के चयनित समूह में पहले वर्ष सब्जी की जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। जलवायु अनुकूल खेती के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, पूसा के राजेंद्र कृषि केंद्रीय विश्वविद्यालय, अखिल भारतीय कृषि अनुसंधान व पटना के रिसर्च सेंटर को जलवायु के अनुकूल खेती अनुसंधान करने को कहा गया है।
रासायनिक खेती से लोगों को तरह-तरह की बीमारियां हो रही है। इसलिए गंगा किनारे बसे जिले में जैविक कॉरिडोर बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
भागलपुर में कतरनी धान और जर्दालु आम पर रासायनिक खेती का कुप्रभाव पड़ रहा है। किसानों को तरह-तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के मद्देनजर कृषि विभाग कार्यालय परिसर में मधुमक्खी पालन का बक्शा और मत्स्य पालन के लिए चार किसानों को मत्स्य गाडिय़ां दी गई। जल-जीवन-हरियाली योजना के माध्यम से लोगों को प्राकृतिक की ओर जागरूक किया जा रहा है।
जैविक खेती की क्रांति बिहार से प्रारंभ होगी
जिस तरह आजादी के बाद हरित क्रांति में पंजाब राज्य आगे रहा, ठीक उसी तरह जैविक खेती की क्रांति में पूरे भारत में बिहार राज्य अव्वल होगा। इसके लिए हमने बक्सर से भागलपुर तक जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रति एकड़ साढ़े ग्यारह हजार रुपये डीबीटी के माध्यम से अनुदान देने का निर्णय लिया है। आज रसायनिक खेती से तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं। इससे बचने के लिए किसान भाइयों से अपील है कि वह जैविक खेती को बढ़ावा दें और अनुदान का लाभ उठाएं। उक्त बातें कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने मध्य विद्यालय दरियापुर गांव में आयोजित कृषि यंत्रीकरण मेले के उद्घाटन के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है, इस बदलाव में आप किसान भाई भी यंत्रीकरण खेती को अपनाएं। यंत्रीकरण खेती से कम लागत में अधिक उत्पादन भी होता है। प्रधानमंत्री की भी सोच है, कि समूह में खेती करने को बल दिया जाए। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 81 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। जिसमें 80 से 75 प्रतिशत तक का अनुदान कृषि यंत्रों पर दिया जा रहा है। इसमें अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए भी 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। अब अनुमंडल स्तर पर मेला लगाने का निर्देश दिया है। जिसके चलते सभी किसान इसका लाभ ले सकें।
कृषि मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण खेतों में पुआल जलाना है। जिससे कार्बन की मात्रा बढ़ जाती है और इससे जलवायु परिवर्तन होता है। खेतों से पोषण तत्व भी खत्म हो जाते हैं। इसलिए किसान भाइयों से अपील है कि खेत में जो अवशेष बच जाते हैं, उसे खाद के रूप में प्रयोग में लाएं। जिसके कारण खेतों का पोषक तत्व बना रहेगा। उन्होंने कहा कि दरियापुर पंचायत भवन में भी कृषि कार्यालय का उद्घाटन किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि भागलपुर का एरिया कतरनी के लिए काफी विकसित क्षेत्र है। लेकिन अभी बालू खनन के कारण कतरनी का क्षेत्र घटता जा रहा है। इसके लिए हमने जिला पदाधिकारी से बात कर एक डैम बनाने का निर्णय दिया है।
मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि हम लोगों की सरकार चाहे वह केंद्र की हो या राज्य की दोनों की एक ही सोच है कि कैसे किसानों का विकास हो इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयत्नशील है। इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष अनंत साह उर्फ टुनटुन साह, जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण कांत झा, संयुक्त कृषि निदेशक शंकर चौधरी, प्रखंड प्रमुख रीना कुमारी, भाजपा नेता अॢजत शाश्वत चौबे, प्रखंड विकास पदाधिकारी अमर कुमार मिश्रा, कृषि अनुमंडल पदाधिकारी पूनम कुमारी सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।