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बिहार कृषि विवि की रैंकिंग में होगी सुधार, विवि प्रशासन ने तैयार की रणनीति, शोध पर दिया जाएगा जोर

बिहार कृषि विवि की रैंकिंग में सुधार होगा। इसके लिए विवि प्रशासन की ओर से विशेष रणनीति बनाई गई है। इसके तहत शोध पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए हर जरूरी संसाधन विवि प्रशासन की ओर से...!

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 25 Aug 2021 12:35 PM (IST)Updated: Wed, 25 Aug 2021 12:35 PM (IST)
बिहार कृषि विवि की रैंकिंग में होगी सुधार, विवि प्रशासन ने तैयार की रणनीति, शोध पर दिया जाएगा जोर
बिहार कृषि विवि की रैंकिंग में सुधार होगा।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। विश्वविद्यालय के वरीय अधिकारियों की मंगलवार को कुलपति डा.अरुण कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुए दो दिवसीय समीक्षा बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। सामूहिक विचार मंथन के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा मान्यता देने के विषय पर कार्यवार विस्तार से चर्चा हुई।

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-उपाधियों की मान्यता पर बीएयू में मंथन

- रैंकिंग को बेहतर करने की भी हुई कवायद

- दो दिवसीय समीक्षा बैठक में कई अहम फैसले

कुलपति ने कहा कि आईसीएआर द्वारा हर पांच वर्षों में सभी कालेजों, विभागों और विश्वविद्यालय के विभिन्न उपाधियों की मान्यता दी जाती है जो मैंडेटरी है। उन्होंने कहा कि परिषद द्वारा हर वर्ष देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग के लिए आवेदन विज्ञापित किया जाता है। इसके प्रारूप पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा हुई, और आवश्यक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय अपने रैंकिंग में सुधार कर परचम लहरा सके।

पिछले साल गिरा था विवि का रैंकिंग 

सनद हो कि विगत वर्ष रैंकिंग में विश्वविद्यालय काफी पिछड़ गया है। कुलपति ने पिछले बैठक में लिए गए निर्णय पर अब तक क्या कार्रवाई हुई इसकी भी समीक्षा की। उन्होंने मान्यता के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना को विकसित करने पर भी बल दिया, साथ ही उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करने की बात कही। चल रहे अनुसंधान का मूल्यांकन करने और माडल गांव को विकसित करने की रणनीति तैयार करने पर भी बल दिया। बैठक में विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, नियंत्रक, मुख्य सुरक्षा पदाधिकारी, सभी कालेजों के प्राचार्य सहित अन्य मौजूद थे।  

शोध पर भी दिया जा रहा जोर 

विवि की ओर से शोध पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए हर संभव संसाधन विवि प्रशासन की ओर से उपलब्‍ध कराई जा रही है। दरअसल, विवि ने शुरू से ही शोघ पर जोर दिया है। इसे आगे भी बनाए रखने की जरूरत है। 


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