बिहार: डाक विभाग में काम कर रहे 30 कर्मचारी निकले फर्जी, सहरसा पोस्टल सर्किल में 2009-12 में हुए थे भर्ती
बिहार में हाल के दिनों में बीपीएससी पेपर लीक मामले ने तूल पकड़ा तो वहीं लंबे समय से फर्जी शिक्षकों की बहाली पर भी निगरानी विभाग फाइलें टटोल रहा है। इधर अब एक और नया मामला सामने आया है। मामला सहरसा पोस्टल सर्किल में हुई 2009-12 भर्ती प्रक्रिया में हुई...
जागरण संवाददाता, सहरसा: सहरसा डाक परिक्षेत्र (Saharsa Postal Circle) में 30 फर्जी कर्मी कार्य करते पाए गए हैं। उनमें से दो कर्मियों को हाल ही में विभाग ने बर्खास्त कर दिया है। वहीं सात के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्राचार चल रहा है। वे कर्मी भी जल्द ही बर्खास्त किए जाएंगे। इस दिशा में कुछ अन्य डाक कर्मियों के खिलाफ भी जांच चल रही है।
वर्ष 2009 से 2012 तक हुई थी नियुक्तियां
डाक विभाग की ओर से इस प्रमंडल में वर्ष 2009 से 2012 तक डाक कर्मियों की बहाली की गई थी। उस दौरान कई प्रतिभागी फर्जी कागजात के जरिए नौकरी पाने में सफल हो गए थे। इसकी भनक मिलने पर पिछले 10 वर्षो से मामले की जांच चल रही है। इस दौरान जांच कार्य को कई बार ठंडे बस्ते में डालने की भी कोशिश हुई। हाल के दिनों में पोस्टमास्टर जनरल के निर्देश पर पुन: कार्रवाई तेज की गई। इससे विभाग में हड़कंप मच गया है। जांच में अबतक फर्जी कागजातों के आधार पर नौकरी कर रहे 30 डाक कर्मी चिह्नित किए गए हैं। सूत्रों की मानें तो ऐसे बहाल कर्मियों की संख्या छह दर्जन से अधिक है। लेकिन अबतक 30 की ही पहचान हुई है।
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उप डाकपाल व अन्य पदधारक फर्जी कर्मी शामिल
फर्जी पाए डाक कर्मियों में उपडाकपाल व अन्य पदधारक शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व सूबे में फर्जी बहाली को लेकर मामला सीबीआइ के पास भेजा गया था। उसमें दो जिले में सीबीआइ द्वारा जांच भी की गई थी। बाद में सीबीआइ ने विभाग को ही जांच कर कार्रवाई की जिम्मेवारी दे दी थी। तब से इस मामले में विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जा रही है।
सहरसा डाक अधीक्षक राजीव रंजन ने कहा कि फर्जी तरीके व गलत प्रमाण पत्र पर बहाल कर्मियों पर विभागीय स्तर से जांच कर कार्रवाई की जा रही है। इस डाक परिक्षेत्र में अबतक दो कर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है। सात अन्य फर्जी कर्मियों को बर्खास्त करने के लिए विभाग से पत्राचार किया जा रहा है। अन्य कर्मियों पर कार्रवाई के लिए भी जांच चल रही है।