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भागलपुर डीएम की बड़ी कार्रवाई... कहलगांव के अंचलाधिकारी पदमुक्त, ये हैं आरोप

भागलपुर डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है। अंचलाधिकारी नील कुसुम कुमार सिन्हा को डीएम सुब्रत कुमार सेन ने पदमुक्त कर दिया है। स्मिता झा को निर्देश दिया गया है कि तत्काल अंचलाधिकारी का प्रभार ग्रहण कर कार्य प्रारंभ करना सुनिश्चित करें।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 03:12 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 03:12 PM (IST)
भागलपुर डीएम की बड़ी कार्रवाई... कहलगांव के अंचलाधिकारी पदमुक्त, ये हैं आरोप
भागलपुर के नए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कहलगांव के अंचलाधिकारी नील कुसुम कुमार सिन्हा को डीएम ने पदमुक्त कर दिया है। उनकी जगह पर परीक्ष्यमान राजस्व अधिकारी जगदीशपुर स्मिता झा को तत्काल प्रभाव से कहलगांव के अंचलाधिकारी का प्रभार दिया गया है। स्मिता झा को निर्देश दिया गया है कि तत्काल अंचलाधिकारी का प्रभार ग्रहण कर कार्य प्रारंभ करना सुनिश्चित करें। यह जानकारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव को भेज दी गई है।

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डीएम सुब्रत कुमार सेन 13 जनवरी को अनुमंडल पदाधिकारी कहलगांव व भूमि सुधार उपसमाहर्ता की उपस्थिति में अंचल कार्यालय कहलगांव का निरीक्षण किया था। इस दौरान पता चला कि अंचलाधिकारी नील कुसुम कुमार सिन्हा अंचल का कार्य कार्यालय में नहीं कराकर अपने आवास पर करा रहे हैं। अंचल कार्यालय में दाखिल-खारिज से संबंधी अभिलेख की मांग किए जाने पर कार्यवाहक लिपिक द्वारा लिखित रूप में अवगत कराया कि अंचलाधिकारी द्वारा सभी कार्य का संपादन अपने आवास पर किया जाता है। वे अभिलेख भी अपने आवास पर रखते हैं। दाखिल-खारिज से संबंधित कोई अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।

कहलगांव के अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा उक्त तथ्य की पुष्टि के लिए अपर अनुमंडल दंडाधिकारी कहलबांव व प्रखंड विकास पदाधिकारी कहलगांव को अंचलाधिकारी के साथ उनके आवास पर भेजा गया। जहां दो प्राइवेट व्यक्तियों द्वारा राजस्व से संबंधित सरकारी कार्य को अनाधिकृत रूप से सम्पादित करते हुए पाया गया। अंचलाधिकारी के आवास से अंचल संबंधी अभिलेख के साथ-साथ कई अन्य संचिकाएं व निर्गत पंजी भी जब्त किया गया।

दाखिल-खारित से संबंधित वादों के जांच के क्रम में भूमि सुधार उपसमाहर्ता द्वारा अवगत कराया गया कि पांच हजार से अधिक वाद निष्पादन के लिए लंबित है। अंचलाधिकारी को बार-बार कहने के बावजूद वे वाद के निष्पादन में रूचि नहीं ले रहे हैं। वे अंचल कार्यालय में नहीं बैठते हैं और न ही विभागीय कार्य में इनके द्वारा रूचि ली जा रही है। अंचल कार्यालय के रोकड़ पंजी की जांच में प्रथम दृष्टया कई त्रुटियां पाई गई। सिन्हा के अंचलाधिकारी के पद पर बने रहने से राजस्व संबंधी कार्यों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्राइवेट व्यक्तियों से कार्य लेने व कार्यालय में पदस्थापित सरकारी कर्मियों को पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं करने देना अंचलाधिकारी के भ्रष्ट आचरण को इंगित कर रहा है। यह जांच का विषय है।

उनके अंचाधिकारी बने रहने से अंचल कार्यालय द्वारा होने वाले कार्यों पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। भूअभिलेख में अनाधिकृत व्यक्तियों से छेड़छाड़ के कारण भू विवाद एवं गंभीर विधि-व्यवस्था की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। इसके बाद डीएम ने नील कुसुम कुमार सिन्हा को अंचलाधिकारी के पद से मुक्त कर विभाग को सूचना भेज दी है।  


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