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भक्ति, ज्ञान, वैराग्य से परिपूर्ण वेद रूपी वृक्ष का पका हुआ फल है भागवत पुराण

भागलपुर में लगातार भागवत कथा हो रहा है। इस दौरान कथा के सुनने से होने वाले लाभ पर चर्चा की जा रही है। इस दौरान कलश शोभा यात्रा निकाली गई। भागवत कथा को सुनने काफी संख्‍या में लोग वहां आ रहे हैं।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 12:00 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 12:00 PM (IST)
भक्ति, ज्ञान, वैराग्य से परिपूर्ण वेद रूपी वृक्ष का पका हुआ फल है भागवत पुराण
भक्ति, ज्ञान, वैराग्य से परिपूर्ण वेद रूपी वृक्ष का पका हुआ फल है भागवत पुराण

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कलियुग में जीवन के सहज कल्याण के लिए वेदव्यासजी ने श्रीमद् भागवत  महापुराण की रचना की। भागवत पुराण भक्ति, ज्ञान, वैराग्य से परिपूर्ण वेद रूपी वृक्ष का पका हुआ फल है। इसमें रस ही रस है, गुठली छिलका भी नहीं है।

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ये बातें जीरोमाइल गुरुनानकपुरा में सोमवार को दूसरे दिन कथा व्यास श्रीधाम वृंदावन के शांतिदूत देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज की परम शिष्या अर्चना कुमारी सिंह ने कही। उन्होंने द्रौपदी के चरित्रों पर चर्चा  करते हुए उन्होंने कहा कि पांचाली ने ने जब भगवान के चरणों में अपने को समर्पित किया तो भगवान ने अपनी कृपा बरसाई। दुशासन साड़ी खींचते-खींचते थक गया, लेकिन उसका अंत नहीं पा सका। उन्होंने कहा कि कथा का आयोजन जहां  होता है वह स्थान तीर्थ बन जाता है। वहां सभी देवी देवता आते हैं। भक्तों में भक्ति का संचार हो जाता है। भक्त सत्य को प्रतिष्ठित करने में सहयोगी बनते हैं।

कथा के दौरान संगीतमय प्रस्तुति भाव विभोर कर रही थी। चारों ओर भगवान की कथा से वातावरण पवित्र हो रहा है। कथा सुनने श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है।

वहीं, सबौर के बैजनाथपुर में मंगलवार को भव्य कलश शोभायात्रा के साथ भागवत कथा की ज्ञान गंगा बहने लगी। ग्रामीणों के सहयोग से आयोजित भागवत कथा के कथावाचक गृहस्थ संत श्री गोविंद शरण जी महाराज हैं। प्रत्येक वर्ष यहां भागवत कथा ज्ञान गंगा बहती है ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि यहां लगातार 8 वर्षों से भागवत कथा इस पवित्र भूमि पर आयोजित किया जाता रहा है। भागवत कथा को लेकर सुबह 8:00 बजे गाजे बाजे के साथ 201 महिलाओं ने शिव मंदिर के पास तालाब से कलश में जल दिया और पूरे गांव का भ्रमण किया।परघड़ी पंचायत के बैजनाथपुर ग्रीन पार्क में सुबह 8:00 बजे से 12:00 बजे तक और शाम में 7:00 बजे से रात्रि के 11:00 बजे तक संगीत मय कथा का आयोजन होगा। भागवत कथा का समापन 8 मार्च को किया जाएगा। कथावाचक ने कथा की शुरुआत करते हुए भागवत पुराण के महत्व और उससे अर्जित होने वाले पुण्य के महात्म्य को बताया।


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