भागलपुर: कम पूंजी से शुरू कर सकते हैं मधुमक्खी पालन, प्रशिक्षण के बाद सरकार की इन योजनाओं का उठा सकते हैं लाभ
अगर आप कम पूंजी में स्वरोजगार शुरू करना चाहते हैं तो मधुमक्खी पालन आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रशिक्षण से लेकर कई तरह की मदद दी जा रही है। इन योजनाओं का लाभ...
संवाद सूत्र, बिहपुर। कम पूंजी में अगर आप स्वरोजगार शुरू करना चाहते हैं, तो आपके लिए मधुमक्खी पालन बेहतर विकल्प हो सकता है। ये बाते सहायक निदेशक उद्यान विकास कुमार ने कही। उन्होंने बिहपुर प्रखंड के अमरपुर में रविवार को राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत 10 लाभुक किसानों के बीच 500 बाक्स मधुमक्खी का बक्सा वितरित किया।
सहायक निदेशक ने बताया कि कोविड काल में रोजगार विहीन हो चुके कामगारों के लिए मधुमक्खी पालन एक बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि आत्मा,खादी ग्रामोद्योग व केवीके आदि से किसान चार दिवसीय प्रशिक्षण लेने के बाद विभाग को एक आनलाइन आवेदन देकर इस योजना से जुड़कर एक अच्छे व्यवसाय के रूप में किसान समूह में संचालित कर सकते हैं।
शहद उत्पादन का बिहार में काफी अच्छा भविष्य है। एक बक्से से सालाना 60 केजी उत्पादन कर सकते हैं। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि बगैर जमीन वाले किसान भी इसे एक बेहतर व्यवसाय के रूप में स्थापित कर सकते हैं। सामान्य श्रेणी के किसानों को इसमें 75 प्रतिशत व एससी/एसटी श्रेणी को 90 प्रतिशत अनुदान भी मिलता है। बताया गया कि किसानों के बीच मधुमक्खी समेत बक्सा की उपलब्धता विष्णु सावित्री ग्रामोत्थान सेवा समिति,अमरपुर द्वारा कराया गया। इस मौके पर बिहपुर प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सोनू कुमार एवं प्रशिक्षक सह शहद उप्तादक किसान संजय कुमार चौधरी भी मौजूद थे।
गैर आवासीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण का हुआ समापन
संवाद सूत्र,बिहपुर : प्रखंड जीविका द्वारा अमरपुर गांव में 30 महिलाओं को चार दिवसीय गैर आवासीय मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया गया। जिसका समापन शनिवार को हुआ। इस मौके पर जीविका बीपीएम अजय कुमार ने बताया कि जीविका बिहार जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति,पटना एवं राज्य बागवानी मिशन,बिहार के संयुक्त पहल से आयोजित चार दिवसीय गैर आवासीय मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण कार्यक्रम समापन हो गया।
प्रशिक्षण के बाद महिलाएं समूह में मधुमक्खी पालन करते हुए इसे व्यवसाय के रूप में शुरू करेगी। इस मौके पर बिहपुर प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सोनू कुमार एवं प्रशिक्षक सह शहद उत्पादक किसान संजय कुमार चौधरी की भी उपस्थिति थी।