Move to Jagran APP

भागलपुर मौसम समाचार: दिन में साफ रहेगा मौसम, सुबह और शाम ठंड का और दिखेगा प्रकोप

कोसी सीमांचल और पूर्व बिहार में ठंड का प्रकोप अब दिखने लगा है। न्‍यूनतम तापमान आठ डिग्री के करीब पहुंंच गया है। हालांकि दिन में धूप खिलने से लोगों को थोड़ी राहत मिल रही है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 06:20 AM (IST)Updated: Thu, 23 Dec 2021 06:20 AM (IST)
भागलपुर मौसम समाचार: दिन में साफ रहेगा मौसम, सुबह और शाम ठंड का और दिखेगा प्रकोप
भागलपुर में ठंड से बचने के लिए लोग ले रहे अलाव का सहारा।

आनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। बिहार में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। हालांकि तापमान के गिरने का सिलसिला थम गया है। बुधवार को दिन का मौसम साफ रहा। दिन में धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली। मौसम का ये हाल कोसी, सीमांचल और पूर्व बिहार के भागलपुर, बांका, लखीसराय, जमुई, मुंगेर, खगडि़या, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, सहरसा, सुपौल, अररिया और किशनगंज में देखने केा मिला।

loksabha election banner

बिहार कृषि विवि के मौसम विभाग के अनुसार अभी और ठंड बढ़ने के आसार हैं। इस दौरान दिन में धूप खिली रहेगी। हालांकि कुछ इलाकों में आसमान में बादल भी छाए रहेंगे। कभी धूप कभी छांव की स्थिति बनी रहेगी। साथ ही सुबह देर तक कोहरा छाया रहेगा। शाम होते ही ठंड का प्रकोप बढ़ जाएगा। साथ ही धूप में गरमाहट कम होगी, इससे भी परेशानी बढ़ेगी। बुधवार को अधिकत तापमार 22.6 डिग्री और न्‍यूनत तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

ठंड में पटरी में दरार पडऩे की संभावना पर सुरक्षा के लिए बढ़ाई पेट्रोलिंग

ठंड में पटरियों में दरार पडऩे और इससे ट्रेन दुर्घटना की संभावना पर सुरक्षा की ²ष्टिकोण से पेट्रोङ्क्षलग बढ़ा दी गई है। रात्रि में भी पेट्रोलिंग शुरु की जा रही है। पेट्रोलिंग मैन रात 11 बजे से सुबह सात बजे तक जीपीएस लेकर पेट्रोलिंग सर्दी के मौसम बीतने तक करते रहेंगे।

वहीं सुरक्षा के लिए इंजन चालकों को ट्रेन परिचालन की गति सीमा को लेकर दिशा-निर्देश दिये गए हैं। नाइट पैट्रोलिंग मैन पूरे औजारों के साथ कई किलोमीटर तक रेल पटरियों की पैदल चलकर जांच करेंगे। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार सर्दियों में ट्रैक चटकने की संभावना ज्यादा रहती है।

रेलवे ट्रैक सिकुड़ जाता है। जिससे ट्रैक पर लगे जोड़ टूटने का डर रहता है। दुर्घटना की आशंका भी रहती है। इधर, ट्रेनों की स्पीड़ कम हो जाती है। कोहरे में सिग्नल कम नजर आते हैं। कुहासा में इंजन पायलट को ट्रेन की स्पीड पर ध्यान देना होता है। यलो सिग्नल दिखने पर ड्राइवर को 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाना होता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.