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कोरोना से जंग में ट्रिपल आइटी का राष्ट्रीय स्तर पर होगा महत्वपूर्ण योगदान, भाजपा नेता का भी सहयोग

साफ्ट्वेयर और हैंड हेल्ड डिवाइस एक से पांच सेकंड के अंदर डिजिटल एक्सरे या सिटी स्कैन को कंप्यूटर र्टिमनल में फिड करते ही यह बता देगा कि मरीज कोविड-19 पॉजिटिव है या नेगेटिव।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 04:00 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 04:00 PM (IST)
कोरोना से जंग में ट्रिपल आइटी का राष्ट्रीय स्तर पर होगा महत्वपूर्ण योगदान, भाजपा नेता का भी सहयोग
कोरोना से जंग में ट्रिपल आइटी का राष्ट्रीय स्तर पर होगा महत्वपूर्ण योगदान, भाजपा नेता का भी सहयोग

भागलपुर, जेएनएन। भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे, संस्थान के सहायक प्राध्यापक विज्ञानी डॉ. संदीप राज एवं आलसोल टेक्नोलॉजी के निदेशक भाजपा नेता ई. अर्जित शाश्वत चौबे के संयुक्त प्रयास से तैयार सॉफ्टवेयर कोरोना से जंग लडऩे में राष्ट्रीय स्तर पर कीर्तिमान स्थापित करेगा।

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इस सॉफ्टवेयर के निर्माण पर मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शोधकर्ताओं को बधाई दी है। वे इस सॉफ्टवेयर के वेलिडेशन एवं र्सिटफिकेशन के लिए भी खुद प्रयासरत हैं।

अर्जित शाश्वत चौबे ने कहा कि भागलपुर ट्रिपल आईटी द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से बनाया गया साफ्ट्वेयर और हैंड हेल्ड डिवाइस एक से पांच सेकंड के अंदर डिजिटल एक्सरे या सिटी स्कैन को कंप्यूटर र्टिमनल में फिड करते ही यह बता देगा कि मरीज कोविड-19 पॉजिटिव है या नेगेटिव या फिर व निमोनिया या टीबी से पीड़ति है। देश का यह पहला शोध है जो सॉफ्टवेअर द्वारा कम खर्च और कम समय में कोविड-19 डिटेक्शन में सफल हुआ है।  उन्होंने कहा कि इस शोध को देश भर में लागू कराने की पहल के लिए शोधकर्ता ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे,  सहायक प्राध्यापक डॉ. संदीप राज एवं आलसोल टेक्नोलॉजी के निदेशक ई. अर्जित शाश्वत चौबे ने संयुक्त कोलैबोरेशन भी किया है।  इसके अप्रूवल एवं वेलिडेशन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्रालय एवं र्सिटफिकेशन के लिए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भेजा गया है। अर्जित ने बताया कि प्रारंभिक शोध में उनके द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से टेक्निकल सपोर्ट देने की बात कही गयी थी, चूंकि उनका शोध आर्टिफिसिएल इंटेलीजेंस में ही था और उनकी कंपनी आलसोल टेक्नोलॉजी इस विषय पर भी वर्षों से कार्य कर रही है।

अभी टूनेट मशीन में किया जाता है कोविड 19 की जांच

अॢजत ने बताया कि अभी देश मे कोविड जांच ट्रूनेट मशीन में किया जा रहा है। जांच के बाद आरटीपीसीआर में पुन: कन्फर्मेशन किया जाता है। इस जांच प्रक्रिया में दो से तीन दिन का समय भी लगता है। इसमें मरीजों का 2500-3000 रुपये खर्च हो जाते हैं। इसमें 30-35 प्रतिशत का अशुद्धियां भी रहता है।उन्होंने कहा कि जबतक कोविड जांच पॉजिटिव आता है तबतक मरीज अपना इंफेक्शन कई लोगों को दे चुका होता है और कई बार जांच में ये पता नही चलता है कि मरीज नेगेटिव है या पॉजिटिव।

ट्रिपल आइटी के विकसित कोरोना सॉफ्टवेयर का रिजल्ट 95 फीसद से अधिक सही

ट्रिपल आइटी द्वारा विकसित नवीन सॉफ्टवेअर के माध्यम से डिजिटल एक्स रे लेते ही र्टिमनल पर कोविड पॉजिटिव, नेगेटिव देखा जा सकता है। इसका रिजल्ट 95 फीसद से अधिक सही है। यह सॉफ्टवेयर निमोनिया और टीबी का भी रिजल्ट तुरंत बता देता है। इसमें कम समय और अधिकतम एक सौ से पांच रुपये तक खर्च आता है।

सप्ताह भर में मिलेगा एप्रुवल, देशभर में लागू होगा तकनीक

अर्जित ने बताया कि इस शोध को सप्ताह भर में फाइनल एप्रूवल स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रदान कर दिया जाएगा। फिर देश भर में इस तकनीक को लागू किया जा सकेगा। इस तकनीक को बनाने वाले शोधकर्ताओं के प्रति भाजपा नेता अरुण सिंह, देवकुमार पांडे, सज्जन अवस्थी, रामनाथ पासवान, अभय घोष सोनू, अनुपलाल साह, सुरेंद्र पाठक, रूबी दास, सुधीर भगत, पंकज सिंह, शशि मोदी, गौरव दास, चंदन ठाकुर, सिद्धार्थ साह, मोहित सिंह, हेमंत कुमार, संगीता सिन्हा, श्रेष्ठा गांधी और रीता गुप्ता ने आभार व्यक्त किया है।


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