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Bhagalpur: जिंदगी से जंग हार गए सुल्तानगंज बीडीओ नवल किशोर ठाकुर, कोरोना को मात देकर संभाला था कार्यभार

भागलपुर जिले के सुल्तानगंज प्रखंड के बीडीओ नवल किशोर ठाकुर जिंदगी से जंग हार गए। कार्यक्रम में अचानक बीडीओ की तबीयत बिगड़ गई। रात 830 बजे सांस लेने में होने लगी थी तकलीफ। रेफरल अस्पताल ले जाने पर चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 08:36 AM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 08:36 AM (IST)
Bhagalpur: जिंदगी से जंग हार गए सुल्तानगंज बीडीओ नवल किशोर ठाकुर, कोरोना को मात देकर संभाला था कार्यभार
सुल्तानगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी नवल किशोर ठाकुर का निधन हो गया।

संवाद सूत्र, सुल्तानगंज (भागलपुर)। सुल्तानगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी नवल किशोर ठाकुर सोमवार की रात जिंदगी से जंग हार गए। उन्होंने कोरोना संक्रमण को हराकर पुन: कार्यभार संभाला था। उनके निधन से प्रखंड कार्यालय और सरकारी महकमा मर्माहत है। नवल किशोर ठाकुर सहरसा जिले के नवारा प्रखंड के मकवा गांव के रहने वाले थे।

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सोमवार को प्रतिदिन की तरह उन्होंने प्रखंड मुख्यालय में कामकाज संभाला। उसके बाद पंचायती राज पदाधिकारी रमेश कुमार के विदाई समारोह में शरीक हुए। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने बताया कि विदाई समारोह को संबोधित करते वक्त अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। रात 8:30 बजे बीडीओ को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद स्वजनों ने उन्हेंं तुरंत आक्सीजन लगाया और बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की तैयारी करने लगे। इस बीच सूचना मिलने पर स्वास्थ्य प्रबंधक चंदन कुमार बीडीओ आवास पर पहुंचे और उन्हें सीधे रेफरल अस्पताल ले गए, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक अखिलेश कुमार ने बीडीओ को मृत घोषित कर दिया। बीडीओ के संबंधियों ने बताया कि वे कोरोना से संक्रमित होने के बाद कमजोरी के कारण अस्वस्थ रहते थे। बीडीओ के तौर पर उन्होंने बीते वर्ष तीन अगस्त को सुल्तानगंज में योगदान दिया था।

बीडीओ के निधन की सूचना पर अस्पताल पहुंचे डीएम

प्रखंड विकास पदाधिकारी नवल किशोर ठाकुर के निधन की सूचना पर सोमवार को डीएम सुब्रत कुमार सेन और सदर अनुमंडल अधिकारी आशीष आनन-फानन सुल्तानगंज पहुंचे। परिजनों से घटना की जानकारी ली और सांत्वना दिया। डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन ने एक कुशल अधिकारी को खो दिया है। एक वर्ष से कम के कार्यकाल में श्री ठाकुर ने बेहतर कार्यकुशलता और प्रबंधन के माध्यम से सुल्तानगंज में कई विकास योजनाओं को बल दिया। डीएम ने कहा कि बीडीओ के शव को अंतिम दर्शन के लिए उनके पैतृक आवास मकवा ले जाया जाएगा। उन्होंने स्वजनों की मदद के लिए शाहकुंड बीडीओ को तत्पर रहने का निर्देश दिया। सदर एसडीएम ने भी घटना पर दुख जताया।

पटना में 50 हजार में मिल पाया था आक्सीजन सिलेंडर

उन्होंने अपना एक वर्ष का कार्यकाल भी पूरा नहीं किया कि उनका तबादला कर दिया गया। राज्य सरकार ने निर्देश जारी कर उन्हें भी मुख्यालय बुला लिया था। तीन माह पूर्व वह कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उनकी हालत बिगडऩे लगी थी। उन्हें पटना में आक्सीजन और बेड के लिए तड़पना पड़ा था। हालात ऐसे बने कि स्वजन को 50 हजार देकर आक्सीजन सिलेंडर खरीदना पड़ा था।

ट्रांसफर होने के बाद मानसिक तनाव में थे बीडीओ

करीबियों ने बताया कि ट्रांसफर के बाद बीडीओ मानसिक तनाव में थे। वहीं, तबीयत खराब होने के कारण परेशानी अधिक हो गई थी। तबादले के बाद भी कुछ प्रक्रिया पूरी करने के लिए सुल्तानगंज में रुके थे। इसी बीच उनका असामयिक निधन हो गया। पत्नी नीतू देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। नीतू सहरसा की रहने वाली हैं।


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