अलर्ट पर भागलपुर रेल प्रशासन, सघन तलाशी के बाद प्लेटफॉर्म पर एंट्री, चप्पे-चप्पे पर आरपीएफ और रेल पुलिस के जवान तैनात
नाथनगर स्टेशन पर बम मिलने की घटना के बाद रेलवे प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। लगातार दूसरे दिन भी चला सर्च ऑपरेशन स्टेशन पर घूमने वालों पर सख्ती। इस बीच स्थानीय लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। जांच के बाद ही प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को प्रवेश मिला।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। नाथनगर स्टेशन पर बम मिलने की घटना के बाद गुरुवार को रेलवे प्रशासन पूरी तरह अलर्ट दिखा। आरपीएफ और रेल पुलिस के जवान पूरी तरह चौकस दिखे। प्लेटफॉर्म से लेकर स्टेशन परिसर में लगातार चौकसी बरतते दिखे। ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों के साथ-साथ उनकी सामानों की भी सघनता से जांच की गई। जांच के बाद ही प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को प्रवेश मिला। आरपीएफ इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह और जीआरपी थानाध्यक्ष अरविंद कुमार सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते दिखे। इस दौरान बिना टिकट के स्टेशन पोर्टिकों और परिसर में घूमने वालों पर सख्ती भी बरती गई। रेल सुरक्षा बल के जवानों ने दानापुर इंटरसिटी, बांका इंटरसिटी, जनसेवा एक्सप्रेस, साहिबगंज इंटरसिटी, गया-हावड़ा, सुपर एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस, मालदा किऊल इंटरसिटी सहित कई ट्रेनों की सघनता से जांच हुई। इस दौरान किसी भी तरह का आपत्तिजनक सामान नहीं मिला। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि जांच अभियान लगातार जारी रहेगा। रात में गुजरने वाली ट्रेनों में स्कॉर्ट पार्टी को विशेष दिशा-निर्देश दिया गया है। हैंडल मेडल डिटेक्टर से सामानों की जांच की जा रही है। स्टेशन पर रेलवे लाइन पर हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
बम से छेड़छाड़ दे सकता था भयावह परिणाम
नाथनगर में रेल पटरी पर बरामद बम से बुधवार की रात ईंट मारने, बांस से ठोकर मारने जैसी छेड़छाड़ बहुत ही भयानक परिणाम दे सकता था। बम बरामद होने की सूचना पर छावनी में तब्दील हो चुके नाथनगर स्टेशन में चारो तरफ पुलिस ही पुलिस वाले ही नजर आ रहे थे। स्टेशन के इर्दगिर्द स्थानीय लोग भी कौतुहल मिटाने अच्छी संख्या में जमा थे। ऐसे में बम से छेड़छाड़ वह भी विस्फोटक के साथ शक्तिशाली दो डेटोनेटर लगा बम ऐसा धमाका करता जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी। मौके पर मौजूद एसएसपी निताशा गुडिय़ा और बाद में पहुंचे रेल एसपी आमिर जावेद इस लापरवाही की जानकारी पर पुलिसकर्मियों को फटकार लगाई। बम बरामदगी बाद तब उच्च अधिकारियों को बम बरामदगी और उससे जुड़ी पहलुओं की जानकारी देने में वरीय अधिकारी व्यस्त थे। इस बीच बम को नकली मान जवानों ने छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी। पहले ईंट से बम को निशाना बना मारा। धमाका नहीं हुआ तो बांस से ठोकर मार देखा। धमाका नहीं होने पर जवान उसे शरारती तत्व की करतूत बताने लगे थे। लेकिन करंट, स्पार्क और प्रेशर से फटने वाले इस बम पर छेड़छाड़ का कहां असर होने वाला था। उसका धमाका बड़े अंजाम के लिए करना था। यदि धमाका हो गया होता तो बुधवार की रात जवानों की लापरवाही से भयंकर परिणाम सामने होता। धमाका से बड़े जानमाल का नुकसान हो सकता था। देसी बम बरामदगी में अमूमन बम निरोधक दस्ते के बजाय थाने में तैनात सिपाही, एएसआई या एसआइ की उसे उठा कर बालू और पानी वाले बाल्टी में डाल लेते हैं। पटरी पर बरामद बम को साधारण मान पहले जवानों ने ऐसा ही करना चाहा था। लेकिन तार लिपटे होने के कारण जवान दूरी बना कर छेड़छाड़ कर रहे थे। उन्हें भी धमाका होने का भय अंदर से था।