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तेलघी स्टांप घोटाला : पकड़ से दूर हैं करोड़ों के स्टांप घोटाले के घाघ, 16 साल हो गए नहीं हुई गिरफ्तारी

तेलघी स्टांप घोटाला 23 जनवरी 2004 को आदमपुर थाने में दर्ज की गई थी रिपोर्ट। पांच नामजद पर चल रहा ट्रायल अज्ञात पर आज भी तफ्तीश जारी। घोटाले के प्रमुख नामजद का निधन भी हो चुका है। केस दर्ज हुए 16 साल बीत गए।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 09:59 AM (IST)
तेलघी स्टांप घोटाला : पकड़ से दूर हैं करोड़ों के स्टांप घोटाले के घाघ, 16 साल हो गए नहीं हुई गिरफ्तारी
तेलघी स्टांप घोटाला के आरेापितों को नहीं पकड़ पाई है पुलिस।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। देश के चर्चित तेलघी स्टांप घोटाला प्रकरण की जब गूंज थी तब भागलपुर में भी करोड़ों का स्टांप घोटाला पकड़ा गया था। 23 जनवरी 2004 को तब आदमपुर थाने में घोटाले का केस दर्ज किया गया था। केस का ट्रायल भी शुरू हो गया। पांच नामजद के विरुद्ध ट्रायल चला। घोटाले के प्रमुख नामजद आरोपित जयराम मंडल का निधन भी हो चुका है। केस दर्ज हुए 16 साल बीत गए लेकिन अभी भी घोटाले के घाघ गिरफ्त से दूर हैं। पुलिस की तफ्तीश जारी है। इन 16 सालों में पुलिस उन शातिर चेहरे को सामने नहीं ला सकी है जो घोटाले में बड़ी भूमिका में थे। पकड़े जाने वालों में स्टांप वेंडर ही शामिल हैं। घाघ चेहरे अभी भी नेपथ्य में हैं। 2004 में तब पुलिस पांच नामजद आरोपितों का रिपोर्ट दर्ज करने के चंद दिनों बाद ही पता लगाने में सफल रही। लेकिन दर्ज अज्ञात आरोपितों को 16 साल से पता नहीं कर पा रही है। आदमपुर पुलिस के हाथ अज्ञात आरोपितों को सामने लाने के नाम पर खाली हैं। पुलिस अदालत को यह नहीं बता सकी है कि इसके तार किन-किन लोगों से जुड़े हैं।

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अपराध अनुसंधान विभाग के इंस्पेक्टर ने दर्ज कराया था केस

तेलघी स्टांप प्रकरण जिस समय देश में सुर्खियों में था तब उसकी धमक भागलपुर भी पहुंची थी। तब 14 नवंबर 2003 से 9 दिसंबर 2003 तक यहां करोड़ों के स्टांप की हेराफेरी हुई थी। फर्जी दस्तखत पर जाली स्टांप को असली बोल खपाया गया था। अपराध अनुसंधान विभाग में तैनात इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह की रिपोर्ट पर तब विलोचन चंद्र दास, रामदेव पासवान, सतीता राम सिंह, जयराम मंडल और देवेंद्र कुमार सिन्हा उर्फ नंदू समेत अज्ञात को आरोपित बनाया गया था।

दो डीएसपी समेत सभी महत्वपूर्ण गवाह दे चुके हैं अपनी गवाही

आदमपुर थाने में तब तैनात रहे तत्कालीन आदमपुर थानाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार झा, अरविंद कुमार शर्मा समेत सभी अहम गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है। दोनों पुलिस पदाधिकारी वर्तमान में डीएसपी पद पर हैं।

मुकदमें में अबतक की गवाही पूरी हो चुकी है। फैसला न्यायालय में इसलिए अटका पड़ा है कि पुलिस तफ्तीश अभी भी जारी रखी है। पुलिस की तफ्तीश इन 16 सालों में अबतक पूरा नहीं हो सका है। अज्ञात आरोपितों के चेहरे भी इन 16 सालों में पुलिस सामने नहीं ला सकी है। - ओमप्रकाश तिवारी, अपर लोक अभियोजक, भागलपुर।


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