बदल रहा मौसम, संभल जाइए... नहीं तो होगी आपको काफी परेशानी, बता रहे चिकित्सक
सर्दी-खांसी व बुखार के मरीजों को सता रहा कोरोना वायरस का डर। ठंडी-गर्मी के बीच धूल उडऩे से तेजी से बढऩे लगे श्वांस रोगी। इस समय का बदलता मौसम किसी को भी बीमार कर सकता है। मार्च का महीना आधा बीत गया है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। मौसम तेजी से बदल रहा है। कभी ठंड महसूस हो रही है तो कभी गर्मी। कभी धूप तल्ख होती है तो कभी नरम। कभी बूंदाबांदी शुरू हो जाती है तो तेज धूप के कारण गर्मी का एहसास होने लगता है। ऐसे में लोग तेजी से बीमार पडऩे लगे हैं। ऐसा कोई घर नहीं है, जहां एक-दो लोग सर्दी या खांसी या फिर बुखार से नहीं पीडि़त है। मौसम में बदलाव व धूल उडऩे की वजह से श्वांस रोगी भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस कारण लोगों में कोरोना वायरस का भी डर सताने लगा है। अधिकांश घरों में फिर से काढ़ा बनना शुरू हो गया है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लोग उपाय करने लगे हैं।
बदलते मौसम में बीमार होने का खतरा
इस समय का बदलता मौसम किसी को भी बीमार कर सकता है। मार्च का महीना आधा बीत गया है। लोगों को ठंड के साथ गर्मी भी महसूस हो रही है। एक सप्ताह पूर्व हुई बूंदाबांदी की वजह से अभी भी लोगों को ठंड का अहसास हो रहा है। मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द, रि दर्द, आंखों में जलन, पेट दर्द, फ्लू, पेट खराब, उल्टी, दम्मा, श्वांस, छाती, एलर्जी रोग जैसी बीमारी लोगों को हो रही है। वैसे लोग जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, वे बार-बार बीमार पड़ रहे हैं। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल सहित निजी नर्सिंग होम व क्लीनिकों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। एमोक्सोसीलिन दवा की बिक्री बढ़ गई है।
सफाई का रखें ध्यान, पंखा न चलाएं
जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के सहायक प्राध्यापक व वरीय फिजिशियन डॉ. आलोक कुमार सिंह का कहना है कि मौसम तेजी से बदल रहा है। सुबह-शाम और रात में ठंड का एहसास हो रहा है। दोपहर में लोगों को गर्मी महसूस हो रही है। लोग धूप से घर में आते ही पंखा व एसी चला लेते हैं। इससे सर्द-गर्म होता और बदलते मौसम की वजह से लोग बीमार पड़ जाते हैं। बाहर से आने पर अभी तत्काल न तो पंखा चलाना चाहिए और न ही ठंडा पानी का सेवन करना चाहिए। बाहर से आने पर कुछ देर आराम से बैठना चाहिए। इससे शरीर का तापमान कुछ देर बाद अपने आप सामान्य हो जाएगा। सर्दी-खांसी व बुखार से बचने के लिए घर के साथ-साथ हाथों की साफ-सफाई आवश्यक है। ज्यादातर लोग अपने हाथों को मुंह के पास रखकर खांसते और छींकते हैं। अपने हाथ से नाक को पोछते हैं। लेकिन साबुन से हाथ को नहीं धोते हैं। कम से कम 20 सेंकेंड तक हाथ, अंगुली, हाथ के पीछे, नाखून आदि को साबुन से धोना चाहिए। अगर आप हाथ नहीं धो पा रहे हैं तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
मौसम के हिसाब से करें खान-पान
इम्यून सिस्टम कमजोर रहने की वजह से बार-बार लोग सर्दी-खांसी, बुखार की गिरफ्त में आ जाते हैं। ऐसे लोगों को इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजें खानी चाहिए। दिन में एक से दो बार ग्रीन टी या ब्लैक टी पी सकते हैं। कच्चा, लहसुन, दही, ओट्स, नीबू, आंवला आदि का नियमित सेवन करना चाहिए। मौसम के हिसाब से खान-पान में भी बदलाव करना चाहिए। अंडे का सफेद वाला हिस्सा, टमाटर, चावल, गेहूं, सेब व ड्राइफ्रूट्स जैसी कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें खानी चाहिए। इस मौसम में फल व सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। गाजर, मूली, टमाटर जैसी सब्जियां अधिक मात्रा में लेनी चाहिए। इनमें एंटी ऑक्सीडेंट होते है, जो शरीर को बीमार होने से बचाते हैं।
मौसम तेजी से बदल रहा है। ऐसे में लोग बीमार पड़ रहे हैं। सर्दी-खांसी, बुखार के मरीज बढ़े हैं। बदलते मौसम में श्वांस रोगी और ब्लड प्रेशर वाले मरीज को खास ध्यान रखना चाहिए। खान-पान के साथ-साथ दवा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। चिकित्सक की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। - डॉ. आलोक कुमार सिंह, वरीय फिजिशियन