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अब पटवन के लिए नो टेंशन, कम पानी में भी हो सकती है बेहतर खेती, इस तरह किसान उठा रहे लाभ

डीप सिंचाई प्रणाली से खेती करने में किसानों को फसल की सिंचाई में 90 फीसद पानी की खपत कम होती है। इसके लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही किसान इसे अपना भी रहे हैं। भागलपुर में चार दर्जन किसानों ने इसे अपना रखी है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 08:50 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 08:50 AM (IST)
अब पटवन के लिए नो टेंशन, कम पानी में भी हो सकती है बेहतर खेती, इस तरह किसान उठा रहे लाभ
भागलपुर के किसान अपना रहे डीप सिंचाई प्रणाली।

 भागलपुर [नवनीत मिश्र]। अब किसानों को पटवन के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। किसान कम पानी में भी बेहतर खेती कर सकते हैं। जिले के चार दर्जन से अधिक किसान नई तकनीक से खेतों में पटवन कर कम खपत में उपज बढ़ा रहे हैं। साथ ही 90 फीसद तक पानी की बचत कर रहे हैं। यह सब संभव हो पाया है ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से। सरकार इस पद्धति को अपनाने वाले किसानों को 90 फीसद तक अनुदान दे रही है। जिले में अभी तक 50 से अधिक किसान इसका लाभ ले चुके हैं।

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साढ़े तीन घंटे में पटवन

कहलगांव के नारायणपुर निवासी किसान सचिन कुमार पांच एकड़ में ड्रिप सिंचाई (टपक सिंचाई) प्रणाली से खेती कर रहे हैं। हाल ही में दो एकड़ में मात्र 36 हजार रुपये खर्च कर ड्रिप सिंचाई प्रणाली की सुविधा प्राप्त की है। सरकार से 90 फीसद अनुदान मिला है। सचिन ने बताया कि खेतों में पटवन के दौरान 70 फीसद तक पानी की बचत हो रही है। टमाटर की खेती में 90 फीसद तक पानी की बचत होती है।

कैरिया कहलगांव निवासी विभू दुबे दो हेक्टेयर में ड्रिप सिंचाई प्रणाली से खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक बोङ्क्षरग से पहले पूरे खेत में पटवन करने में सात से आठ दिन लग जाते थे, लेकिन अभी मात्र साढ़े तीन घंटे में पटवन हो जा रही है। 90 फीसद तक पानी की बचत हो रही है। मजदूर और खाद-बीज की खपत भी कम है। उपज भी अधिक हो रही है।

नहीं छींटना पड़ता है खाद

ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर प्रणाली से पानी की खपत तो कम हो ही रही है, साथ ही खाद छींटने के लिए मजदूरों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। ड्राम या हौद में खाद व केमिकल डाल देने के बाद ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर प्रणाली से पटवन के दौरान पूरे खेत में लगे पौधों में वह पहुंच जाता है। इससे खाद की भी कम खपत होती है। इस प्रणाली से पटवन के कारण खेतों में घास भी नहीं उगता है। इससे पौधे तेजी से बढ़ते हैं और खेतों की उपज भी बढ़ती है।

50 से बढ़कर 90 फीसद अनुदान

केंद्र और राज्य सरकार ने ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर प्रणाली से पटवन के लिए मशीन आदि की खरीद के लिए अनुदान की राशि बढ़ा दी है। पहले जहां मात्र 50 फीसद अनुदान मिलता था, वहीं अब 90 फीसद तक अनुदान दिया जा रहा है। 50 फीसद केंद्र सरकार और 40 फीसद राज्य सरकार राशि दे रही है। किसानों को 10 फीसद राशि खर्च करनी पड़ती है। साथ ही किसानों को 12 फीसद जीएसटी भी जमा करनी होती है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के महम ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर प्रणाली से जिले के 70 एकड़ में अभी पटवन हो रही है। कई किसान इसके लिए आगे आ रहे हैं।

ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर प्रणाली से सिंचाई करने से पानी की खपत कम होती है। पौधों को नुकसान नहीं पहुंचता है। पत्तियों पर धूल-कण नहीं जमता है। सरकार इसके लिए किसानों को 90 फीसद तक अनुदान दे रही है।

- पवन कुमार, उप निदेशक, उद्यान  


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