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ट्रक मालिकों ने परिवहन अध्यादेश बताया अलोकतांत्रिक, बातचीत के बाद भी नहीं हुआ समझौता, आंदोलन जारी

प्रशासनिक अधिकारी व ट्रक मालिकों के बीच समझौता नहीं हुआ। सरकार के निर्णय के विरोध में ट्रक मालिकों का धरना जारी। 14 चक्का व इससे उपर के ट्रकों पर बालू-गिट्टी की ढुलाई पर रोक का विरोध। आंदोलन जारी रहेगा।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 10:31 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 10:31 AM (IST)
ट्रक मालिकों ने परिवहन अध्यादेश बताया अलोकतांत्रिक, बातचीत के बाद भी नहीं हुआ समझौता, आंदोलन जारी
भागलपुर में सड़क किनारे ट्रक की लंबी कतार।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। प्रशासनिक अधिकारी व ट्रक मालिकों के बीच समझौता नहीं हो पाया। ट्रक मालिकों ने दो टूक कह दिया कि जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। नवगछिया के एसडीपीओ दिलीप कुमार, एसडीओ, डीटीओ, एएसपी, एमवीआइ सहित परिवहन विभाग के अन्य अधिकारी ट्रक मालिकों से धरना का कार्यक्रम स्थगित करने और ट्रकों को सड़क किनारे से हटाने को कहा। ट्रक मालिकों ने स्पष्ट कहा कि धरना कार्यक्रम जारी रहेगा। सड़क किनारे से ट्रक नहीं हटाएंगे। यह तभी हटेगा, जब मांगों को पूरा किया जाएगा। सरकार के नए नियम से ट्रकों के बकाए किस्त को नहीं दे पा रहे हैं। सरकार के निर्णय से ट्रक मालिकों के बीच जीवन-मरण प्रश्न सवाल खड़ा हो गया है।

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इधर, उसरकार के निर्णय के विरोध में ट्रक मालिकों का सोमवार को भी तेतरी जीरोमाइल में धरना जारी रहा। ट्रक मालिकों ने राज्य सरकार के नए परिवहन अध्यादेश को गैर जिम्मेदाराना व अलोकतांत्रिक बताया है। मोटर अधिनियम से हटकर सरकार ने 14 चक्का व इससे उपर के ट्रकों पर बालू व गिट्टी की ढुलाई को बंद कर दिया है। ट्रक मालिक एसोसिएशन के प्रवक्ता बबलू मंडल ने कहा कि सरकार को कानून में संशोधन करने की जरूरत है। जब तक सरकार इसमें संशोधन नहीं करेगी, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर 2020 को जारी गजट के अनुसार 14 चक्का या इससे उपर के ट्रक पर बालू व गिट्टी की ढुलाई पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। दस व 12 चक्का वाले ट्रक ही बालू व गिट्टी की ढुलाई कर सकेंगे। इनके डाला का ऊंचाई तीन से साढ़े फीट ही निर्धारित किया गया है। अभी हाइवा, टीपर, डंपर, डाला बॉडी ट्रकों पर बालू-गिट्टी की ढुलाई हो रही है।

डाला बॉडी ट्रकों की ऊंचाई स्टील की चार से साढ़े चार फीट व लकड़ी बॉडी की ऊंचाई ढाई फीट होती है। डाला बॉडी सालों भर बालू-गिट्टी की ढुलाई नहीं करती है। इस पर केला, सीमेंट व अन्य सामग्रियों की भी ढुलाई होती है। अगर डाले की ऊंचाई तीन से साढ़े फीट कर दी जाएगी तो यह सिर्फ बालू-गिट्टी की ढुलाई तक ही सीमित रह जाएगा। अन्य सामानों की ढुलाई नहीं हो सकेगी। टीपर व डंपर बालू-गिट्टी की ढुलाई के लिए ही है। इसके डाले की ऊंचाई पांच से साढ़ पांच फीट है। डाला कंपनी बनाकर ही देती है। इसमें संशोधन संभव नहीं है। 14 चक्का व उससे अधिक चक्का वाले ट्रकों पर बालू-गिट्टी की ढुलाई पर सरकार की रोक लगाए जाने के फैसले का संघ विरोध करती है। उन्होंने सरकार द्वारा लिए फैसले को वापस लेने की मांग की। महासचिव स्वेत कमल ने कहा कि सरकार के इस फैसले से अधिकांश ट्रक मालिक कंगाल होकर रोड पर आ जाएंगे।


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