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Bhagalpur News: रोड के लिए गांव वालों ने जमीन का मुआवजा मांगा तो विभाग ने रद कर दिया टेंडर, जानिए...

Bhagalpur News जिले में कई गांव अब भी पक्की सड़क से नहीं जुड़ सके हैं। इसमें भू-स्वामियों द्वारा मुआवजा राशि की मांग बड़ी बाधा बन रही है। जहां भी मुआवजे की मांग की जा रही है। विभाग टेंडर रद कर दे रहा है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:30 AM (IST)
Bhagalpur News: रोड के लिए गांव वालों ने जमीन का मुआवजा मांगा तो विभाग ने रद कर दिया टेंडर, जानिए...
भागलपुर जिले में कई गांव अब भी पक्की सड़क से नहीं जुड़ सके हैं।

 भगलपुर, जेएनएन। गांव को शहर से जोडऩे के लिए सड़कें बनाई गई। दस-बारह साल पूर्व बनी सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। लेकिन भू-स्वामियों को अबतक मुआवजा नहीं मिला है। गांवों को प्रखंड और जिला मुख्यालय से जोडऩे वाली सड़कों की दुरुस्तीकरण की दिशा में ग्रामीण कार्य विभाग ने तैयारी कर ली थी। लेकिन भू-स्वामियों द्वारा मुआवजा राशि की मांग करने के कारण दुरुस्तीकरण कार्यों पर ग्रहण लग गया है। विभागीय सचिव ने तो इन सड़कों का अस्तित्व मिटाने का ही निर्देश दे दिया। विभागीय अधिकारियों को सड़क को खोदने का फरमान दे दिया। 

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इधर, मुआवजा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पथ निर्माण विभाग को राहत मिली है। अब सड़क बनने के बाद यदि कोई भू-स्वामी मुआवजा की मांग करता है तो उन्हें मुआवजा राशि नहीं मिलेगा। विभागीय अधिकारी के अनुसार सिवान समेत कई जगहों के भू-स्वामियों ने मुआवजा की मांग को लेकर मुकदमा किया था। नौ-दस माह पूर्व सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया कि सड़क निर्माण से पूर्व मुआवजा की मांग करनी चाहिए थी। लेकिन सड़क बनने के काफी दिनों बाद मांग करने पर भू-स्वामी को मुआवजा नहीं मिलेगा। कोर्ट के आदेश के बाद सड़क निर्माण से जुड़े विभागों को राहत मिली है।

जिले के कई गांवों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कें बनाई गई थी। आठ-दस साल बाद कई भू-स्वामियों द्वारा ग्रामीण कार्य विभाग से मुआवजा की मांग की गई। विभाग को वकालतन नोटिस भी भेजी गई। इसकी वजह से विभाग ने टेंडर रद करने तक निर्णय लेने को मजबूर होना पड़ा। नतीजतन, जर्जर सड़कों की मरम्मत में नहीं हो सकी है। सड़क बनने के बाद बांका, भागलपुर समेत बिहार के कई इलाकों के भू-स्वामियों ने मुआवजा की मांग की थी। न्यायालय में मुकदमा किया था।

65 करोड़ से जर्जर 50 सड़कों की दुरुस्तीकरण कराने की थी योजना

ग्रामीण कार्य विभाग (आरइओ) द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में दस-बारह साल पूर्व बनाई गई सड़कें जर्जर हो चुकी है। नई अनुरक्षण नीति के तहत 65 करोड़ से गांवों की 50 सड़कों की दुरुस्तीकरण और पांच नई सड़क बनाने की की योजना है। इन सड़कों की मरम्मत में 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत गौराचौकी, कदवा, बजरंगबली स्थान से यादव टोला भाया दिग्घी पोखर, बैजनाथपुर में पीएमजीएसवाई सड़क से महादलित टोला भाया शिमला पोखर तथा मोहनपुर तांती टोला में सड़क का निर्माण कराया जाएगा। इन सड़कों के निर्माण में 7.89 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वर्ष 2020 तक सड़कों का निर्माण पूरा करने की योजना है।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत भू-स्वामियों की सहमति के बाद गांवों सड़कें बनाई गई थी। सड़क बनने के बाद इसके आसपास की भूमि का महत्व बढऩे पर भू-स्वामी मुआवजा की मांग करते हुए विभाग के अधिकारियों को वकालतन नोटिस भेजा गया है।

मुुआवजा मांगने वाले भू-स्वामी

1. टूटा पुल से गोनूधाम सड़क में एक भू-स्वामी ने ढाई एकड़ जमीन सड़क में जाने की बात करते हुए 14.82 करोड़, फुलवरिया निवासी नंदकिशोर ने 21 डिसमल जमीन जाने की बात कर मुआवजा की मांग की है।

2. सुल्तानगंज के कटारा-दौलतपुर सड़क , देउधा सड़क में जमीन जाने का दावा करते हुए स्नेहलता ने मुआवजा की मांग की है।

3. भागलपुर-दुमका स्टेट हाइवे से मिलने वाली फुलवरिया-मकशसपुर सड़क में 233 क_ा जमीन जाने का दवा करते हुए प्रभाष चंद्र मिश्रा समेत 46 लोगों ने मुआवजा की मांग की है।

4. सुल्तानगंज के करहरिया से तेघरामाल सड़क में 25 डिसमल जमीन जाने का कष्टिकरी बाथ निवासी ललनीधर झा की पत्नी नंदनी देवी ने मुआवजा की मांग की है।

भू-स्वामियों को प्लीडर नोटिस का जवाब भी दिया गया है। भू-स्वामियों द्वारा मुआवजा की मांग के कारण जिले के जर्जर हो चुके सड़कों की जीर्णोद्धार के लिए किए गए टेंडर रद करने तक का निर्णय लिया गया। विभागीय सचिव ने तो सड़क खोदने तक का आदेश दे दिया। स्वामियों की सहमति पर बनाई गई थी।

-सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा, सहायक अभियंता, आरईओ, भागलपुर।  


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