सोना लूटकांड भागलपुर : 90 लाख के सोना लूट में संदेह के घेरे में स्टाफ संतोष, डेढ़ साल पूर्व से है सेल्समेन
सोना लूटकांड भागलपुर विशाल स्वर्णिका ज्वैलर्स में डेढ़ साल पूर्व से है सेल्समेन। नवगछिया के सोनवर्षा का रहने वाला है संतोष। पुलिस ने बांका के अमरपुर में की छापेमारी। चश्मदीद और अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। विशाल स्वर्णिका ज्वैलर्स के 90 लाख सोने के जेवरात लूट में आभूषण दुकान का सेल्समेन संतोष संदेह के घेरे में आ गया है। नवगछिया सोनवर्षा का रहने वाला संतोष बीते डेढ़ साल से सेल्समेन के रूप में काम कर रहा है। वह अस्थायी रूप से जोगसर के बूढ़ानाथ इलाके में रह रहा था। पुलिस ने इसे संदेह के घेरे में इसलिए भी रखा है क्योंकि वारदात के बाद दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने मुख्य सड़क को ही चुना था। हालांकि, तफ्तीश में जुड़े पुलिस पदाधिकारी कुछ बोलने से बच रहे हैं। एसएसपी ने दावा किया था कि 48 घंटे के भीतर लूट कांड से पर्दा हटेगा। वैसे, बदमाशों की तलाश के लिए दूसरे दिन भी पुलिस ने अमरपुर बांका और नवगछिया में छापेमारी की है। उम्मीद जताई रही है कि बुधवार तक इस मामले का उद्भेदन कर देगी।
ग्राहक से चंद महीने में बन गया सेल्समैन, नहीं था कोई अनुभव
विशाल स्वर्णिका ज्वैलर्स में सेल्समेन के रूप में नौकरी पाए संतोष की पुलिस कुंडली खंगाली तो पता चला कि उसे सेल्समेन का कोई अनुभव नहीं रहा है। इसके पूर्व वह किसी आभूषण दुकान में काम ही नहीं किया है। ज्वैलरी शॉप के मालिक विशाल आनंद ने बताया कि संतोष उनके शॉप का ग्राहक था। काफी दिनों से बतौर ग्राहक कई बार दुकानों पर आता रहा जिससे वह पहचान वाला हो गया था। उसने बाद में एक दिन नौकरी मांगा तो उसे सेल्समेन का जॉब दे दिया था। शॉप मालिक की माने तो वह डेढ़ साल से जॉब में है। कोरोना काल से कुछ माह पूर्व नौकरी पर लगा है। मालिक को यह पता है कि वह सोनवर्षा का रहने वाला है लेकिन बूढ़ानाथ में ही कमरा लेकर रहता है। संतोष की कारगुजारी और तकनीकी जांच में संतोष संदेह के घेरे में है।
चश्मदीद अभिषेक समेत अन्य पूछताछ बाद मुक्त
पूछताछ के लिए शनिवार की दोपहर सात एसआइटी ने चश्मदीद अभिषेक कुमार, बाबूसाहब सिंह समेत सात कर्मचारियों को बुलाया गया था। उनमें से अभिषेक समेत अन्य सोमवार तक मुक्त कर दिए गए। अभिषेक कोलकाता से आभूषण लेकर लौटा था। उसे लाने बाइक से दूसरा स्टाफ बाबूसाहब सिंह भी गया था। कहा जा रहा है कि संतोष और बाबूसाहब को पुलिस सख्ती से पूछताछ कर रही है। विभिन्न बिंदुओं पर की गई पूछताछ में ही पुलिस को रविवार को अहम सुराग हाथ लगे थे।
पुलिस की एक टीम बांका तो दूसरी गंगा पार में दे रही दबिश
एसआइटी में शामिल पुलिस पदाधिकारियों ने त्वरित परिणाम देने के लिए अलग-अलग टीम बना दबिश दे रही है। वहीं दूसरी तरफ चेंबर ऑफ कामर्स और स्वर्णकार संघ के शिष्टमंडल को एसएसपी ने 48 घंटे में परिणाम देने और सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया है।
लूट कांड का तार अमरपुर बाजार से जुड़ा
भागलपुर के विशाल स्वर्णिका ज्वेलर्स के सोना लूटकांड का तार अमरपुर बाजार से जुड़े होने की चर्चा जोरों पर है। भागलपुर पुलिस ने 90 लाख रुपये का सोना लूट की गुत्थी सुलझाने के लिए रविवार को शहर के दो जगहों पर छापेमारी की। भागलपुर पुलिस ने लगभग तीन घंटे तक रघु पोद्दार के घर की जांच की थी। पुलिस रघु पोद्दार के पुत्र संतोष पोद्दार को अपने साथ ले गई है। बताते चलें कि शहर के गोला चौक से पुरानी चौक जाने वाले मार्ग में रघु पोद्दार का एसडी ज्वेलर्स नाम की दुकान है। वह सोमवार को भी बंद रही। बताया जा रहा है कि कोलकाता के जिस ज्वेलर्स दुकान से स्वर्ण आभूषण भागलपुर के विशाल स्वर्णिका ज्वेलर्स ने हॉल मार्क कराया था। उसी ज्वेलर्स से संतोष पोद्दार भी हॉल मार्क कराने गया था। कोलकाता से सुपर ट्रेन से विशाल स्वर्णिका ज्वेलर्स के कर्मी एवं संतोष पोद्दार भी भागलपुर साथ लौटा। इसी बीच विशाल स्वर्णिका ज्वेलर्स के कर्मी से अपराधी ने खलीफाबाग चौक के समीप लूट की घटना को अंजाम दिया। चार-पांच वर्ष पूर्व भी भागलपुर में सोना लूट की बड़ी घटना घटी थी। जिसमें अमरपुर बाजार के एक मास्टर माइंड का नाम सामने उभर कर आया था। पुलिस ने उसपर कार्रवाई भी किया। शहर में लगभग एक दर्जन से अधिक स्वर्ण आभूषण की दुकान है। इसमें कुछेक को छोड़ दें तो कई दुकानदार पर चोरी का सामान खरीदने में पुलिस के रडार पर है, लेकिन ऐन केन प्रकारेण पुलिस कार्रवाई से तब बच निकला। भागलपुर में सोना के इस बड़े लूटकांड में भागलपुर पुलिस द्वारा छापेमारी के बाद एक बार फिर अमरपुर बाजार सुर्खियों में आ गया है। हालांकि पुलिस छापेमारी और किसी गिरफ्तारी की अबतक पुष्टि नहीं कर रही है।