भारतीय रेल : भागलपुर का यह रेलवे स्टेशन बनेगा बड़ा जंक्शन, कोसी से सीधा जुड़ जाएगा झारखंड
भागलपुर जिले का पीरपैंती रेलवे स्टेशन बनेगा बड़ा जंक्शन। रेल लाइन बनने से कोसी-सीमांचल का इलाका सीधा जुड़ जाएगा भागलपुर बंगाल और झारखंड से। बटेश्वर स्थान में बनने वाले नए पुल के लिए 839 करोड़ रुपये की राशि मिली।
भागलपुर [रजनीश]। विक्रमशिला-कटरिया के बीच गंगा नदी पर पुल का निर्माण कार्य नए वित्तीय वर्ष में शुरू हो जाएगा। इसके लिए आम बजट में 839 करोड़ की राशि आवंटित हुई है। पूर्व मध्य रेलवे के अधीन बनने वाला यह पुल देश के सबसे लंबे पुलों में से एक होगा। इस पुल पर प्रस्तावित 18 किमी नवगछिया-पीरपैंती नई रेल लाइन भी बिछाई जाएगी। इसमें आठ अरब 50 लाख रुपये खर्च होंगे। इसमें सर्वे के नाम पर अबतक 57 लाख 35 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं। नया पुल बनने और नई लाइन चालू होने के बाद भागलपुर से कोसी-सीमांचल का इलाका रेल से सीधा जुड़ जाएगा। दोनों समानांतर नई रेल लाइन एक दूसरे से जुड़ेंगी। इतना ही नहीं, नई लाइन पीरपैंती-जसीडीह रेलखंड के जरिए आसनसोल-किउल रेलखंड से भी सीधा जुड़ जाएगा। नवगछिया-कटिहार रेल सेक्शन, भागलपुर से हावड़ा, हंसडीहा-भागलपुर-दुमका रेल लाइन और देवघर-दुमका लाइन में मिलेगी।
कई रेल रूट का एक साथ मिलन गंगा नदी पर रेल पुल और नवगछिया-पीरपैंती नई लाइन चालू होने से पीरपैंती जंक्शन के रूप में विकसित होगा। नई पीरपैंती-जसीडीह रेल लाइन बिछ जाने के बाद कोसी-सीमांचल झारखंड और पश्चिम बंगाल रूट से इस नई लाइन का सीधा जुड़ाव हो जाएगा। पीरपैंती से एक लाइन भागलपुर की तरफ तो एक लाइन मालदा-हावड़ा रूट में मिलेगी। गंगा पुल और दोनों लाइन गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस बार बजट में पीरपैंती-जसीडीह नई लाइन को 121 करोड़ की राशि आवंटित हुई है।
चार साल पहले मिली थी स्वीकृति
रेल मंत्रालय गंगा पर रेल पुल को पीपीपी मोड में बनाएगा। इस पुल की स्वीकृति 2016-17 की रेल बजट में मिली थी, लेकिन निर्माण की गति आगे नहीं बढ़ सकी। सर्वे का काम पूरा हो चुका है। पुल निर्माण पर दो हजार करोड़ खर्च होंगे। इस पुल के बनने से कई जिलों के लोगों को फायदा होगा। इस पुल के बन जाने से भागलपुर का सीधा कोसी और सीमांचल से रेल संपर्क जुड़ जाएगा। अभी नवगछिया जाने के लिए सड़क का सहारा लेना पड़ता है।