क्या वजह रहा कि... 20 की जगह मात्र 12 संवेदकों का ही तैयार किया पैनल
15 लाख तक के काम के लिए कोर्ट ने भवन प्रमंडल को दिया था पैनल बनाने का आदेश। विभाग तीन बार जारी कर चुका है पत्र इस माह निकला विज्ञापन नहीं मिल रहा फॉर्म। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर संवेदकों का पैनल तैयार करने का आदेश दिया था।
जगरण संवाददाता, भागलपुर। जिला भवन प्रमंडल अभी तक संवेदकों का पैनल तैयार नहीं कर सका है। 20 की जगह मात्र 12 संवेदकों का ही पैनल तैयार किया गया है। संवेदकों का कहना है कि विभागीय अभियंता अपने खास लोगों को पैनल में शामिल करने की तैयारी में हैं। अन्य को विभाग की ओर से नाम जोडऩे वाला फॉर्म नहीं दिया जा रहा है। वहीं भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार का कहना है कि पैनल में नाम जोडऩे के लिए इच्छुक संवेदकों को फॉर्म दिया जाएगा। अभी समय है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार 22 जनवरी 20 को सभी भवन प्रमंडल को संवेदकों का पैनल तैयार करने का आदेश दिया था। आकस्मिक स्थिति में इन संवेदकों से 15 लाख तक का काम कराना था। भागलपुर प्रमंडल द्वारा जुलाई में 12 संवेदकों का पैनल तैयार किया गया, लेकिन आठ संवेदकों को पैनल में शामिल नहीं किया गया। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से 13 अक्टूबर 20 को फिर से 20 संवेदकों का पैनल तैयार करने का निर्देश दिया गया। 22 जनवरी 21 को भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (गुणवत्ता अनुश्रवण) रघुनंदन शरण ने सभी अधीक्षण व कार्यपालक अभियंता को पत्र भेजकर 20 संवेदकों को सूचीबद्ध नहीं किए जाने पर नाराजगी जताते हुए इसे तैयार करने का निर्देश दिया।
मुख्य अभियंता ने कहा है कि अतिआवश्यक व आकस्मिक कार्य के निष्पादन के लिए 20 संवेदकों को सूचीबद्ध करते हुए क्रमवार कार्य कराने संबंधी निर्देश दिए गए थे। उक्त निर्देश के बावजूद काफी प्रयास के बाद भी स्थानीय निविदा पर कार्य कराने की प्रवृत्ति पर रोक नहीं लग पा रही है, जो घोर अनियमितता का परिचायक है। अभी भी 20 संवेदकों को सूचीबद्ध नहीं किया गया है। उन्होंने सामान्य परिस्थिति में स्थानीय निविदा के माध्यम से कार्य कराने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने और शीघ्र संवेदकों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। इसके बाद भवन प्रमंडल द्वारा 29 जनवरी को विज्ञापन के माध्यम से संवेदको से आवेदन मांगी गई है। लेकिन विभाग की ओर से संवेदक प्रपत्र क व ख उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। संवेदकों का आरोप है कि पांच साल काम करने वाले ठेकेदार को ही सूची में शामिल करना है, लेकिन 12 लोगों की जो सूची तैयार हुई है, उसमें कई नए हैं।