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बिहपुर दुष्कर्म कांड : आ गया फैसला, विशेष न्यायाधीश ने आरोपित को दी यह काठोर सजा

बिहपुर दुष्कर्म कांड 22 जनवरी 2017 को दस साल की बच्ची के साथ हुई थी घटना। विशेष पॉक्सो न्यायाधीश एमपी सिंह ने सुनाई सजा 25 हजार का जुर्माना भी। शेष चार आरोपितों को न्यायाधीश ने पूर्व की सुनवाई में साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया था।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 02:21 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 02:21 PM (IST)
बिहपुर दुष्कर्म कांड : आ गया फैसला, विशेष न्यायाधीश ने आरोपित को दी यह काठोर सजा
बिहपुर दुष्कर्म कांड में दोषी प्रभाष चौधरी को आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता, भागलपुर। पॉक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश एमपी सिंह ने बुधवार को चर्चित बिहपुर दुष्कर्म कांड में दोषी प्रभाष चौधरी को आजीवन कारावास दे दी है। न्यायाधीश ने अपने फैसले में 25 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी देने का आदेश दिया है। इस मामले में शेष चार आरोपितों को न्यायाधीश ने पूर्व की सुनवाई में साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया था। अभियुक्त को न्यायालय कक्ष में 11.30 बजे कड़ी सुरक्षा में लाया गया था। सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल ने बहस में भाग लिया।

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घर में बच्ची थी अकेली, वारदात बाद इलाके में हो गया था तनाव

बिहपुर थाना क्षेत्र के गोविंदपुर इलाके में 22 जनवरी 2017 को दस साल की बच्ची के साथ प्रभाष ने दुष्कर्म को अंजाम दिया था। तब बच्ची की मां का उपचार कराने उसके पिता भागलपुर डॉक्टर के पास गए हुए थे। तब घर पर बच्ची अकेली थी। जिसकी जानकारी पाकर अभियुक्त ने घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। उस दौरान सुधो चौधरी, प्रह्लाद चौधरी और गोदो चौधरी आदि भी उसके साथ थे। जिनके विरुद्ध साक्ष्य नहीं होने के कारण न्यायालय ने सुनवाई के दौरान रिहा कर दिया। घटना के बाद इलाके में काफी हंगामा हुआ था। मामले में तब गांव में पंचायत बैठी थी। घटना के बाद  झंडापुर निवासी प्रभाष चौधरी को बचाने के लिए और मामले को थाने तक नहीं ले जाने को लेकर काफी दवाब बनाया गया था। उस समय यह भी दवाब बनाने की कोशिश हुई थी कि बच्ची के पिता घटना को रफा-दफा करने के लिए एक मोटी राशि मुआवजा के रूप में ले लें। केस दर्ज नहीं कराए। लेकिन बच्ची के पिता ने इलाजरत बच्ची के साथ नवगछिया के महिला थाने में प्रभाष समेत अन्य आरोपितों के विरुद्ध नामजद केस दर्ज कराया था। तफ्तीश के क्रम में पुलिस ने काफी साक्ष्य जुटाए। अधिकांश साक्ष्य प्रभाष के विरुद्ध ही सामने आए।


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