Move to Jagran APP

कोरोनावायरस भी नहीं रोक सका टीएमबीयू के लैब में शोध और उत्पादन कार्य

कोरोनावायरस के इस आपदा काल में जहां लोग जान बचाने के लिए अपने अपने घरों में दुबके हुए हैं वही टीएनबी कॉलेज के बॉटनी विभाग के टिशू कल्चर लैब में शोध एवं बांस पौधे के उत्पादन का कार्य निरंतर चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 10:55 AM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 10:55 AM (IST)
कोरोनावायरस भी नहीं रोक सका टीएमबीयू के लैब में शोध और उत्पादन कार्य
कोरोनावायरस भी नहीं रोक सका टीएमबीयू के लैब में शोध और उत्पादन कार्य

भागलपुर। कोरोनावायरस के इस आपदा काल में जहां लोग जान बचाने के लिए अपने अपने घरों में दुबके हुए हैं , वही टीएनबी कॉलेज के बॉटनी विभाग के टिशू कल्चर लैब में शोध एवं बांस पौधे के उत्पादन का कार्य निरंतर चल रहा है।

loksabha election banner

कोरोना से बचाव को ध्यान में रखते हुए इस प्रयोगशाला को हर दूसरे दिन खोला जाता है। जहां एक तिहाई संख्या के साथ ही यहां काम करने शोधार्थी, शोधकर्ता और सहायक कर्मी आते हैं। वे यहां पूरी तन्मयता के साथ शोध और उत्पादन का काम कर रहे हैं

------------------

लैब को किया जाता है स्टे रिलाइज

कोरोनावायरस के बचाव के लिए लैब को केमिकल और अल्ट्रावायलेट किरणों से स्टेरलाइज किया जाता है। लैब में प्रवेश करने के पूर्व सभी कर्मियों के कपड़े भी नियमित रूप से स्टेरलाइज की जाती है, तभी उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जाती है।

---------------------

राष्ट्रीय स्तर पर मानक प्रयोगशालाओं में है शामिल

टीएमबीयू का यह टिशू कल्चर लैब राज्य का एक ऐसा इकलौता लैब है जो भारत सरकार के राष्ट्रीय बांस मिशन के मानक प्रयोगशालाओं में शामिल है। यहां प्रतिवर्ष 300000 बांस के गुणवत्तापूर्ण एवं रोग रहित पौध तैयार करने की योजना पर काम चल रहा है।

-----------------

इन पांच मानक किस्मो का पौध होता है तैयार यहां के लैब में पांच उच्च कोटि के बांस के पौधे तैयार किए जाते हैं , जिसमें बंबुसा बालकोआ, बंबुसा टूलडा, डेंड्रोकलामस स्टॉक्सी, डेंड्रोकलामस हामिलटोनाई और डेंड्रोकलामस अस्पर डेंड्रोकलामस सिक्किमिएंसिस शामिल है।यहां के उच्च गुणवत्ता पूर्ण बांसों के उत्पादन के प्रोटोकॉल का मानकीकरण कर लिया है तथा और भी कई गुणवत्ता पूर्ण बांसो के उत्पादन का प्रोटोकॉल का मानकीकरण किये जा रहे हैं। ----------------------

यह शोधार्थी आपदा काल में भी कर रहे हैं काम

प्रयोगशाला मैं कार्यकुशल शोधार्थी डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ. रोहित कुमार, सुनीता कुमारी, आशीष रंजन, स्वाति कुमारी, जागृति कुमारी, श्रुति कुमारी, अंशु कुमारी, अस्मिता आनंद, राधा कुमारी, राजेश कुमार, संजीव कुमार व अन्य सहायक कर्मी निडर होकर पूरी तन्मयता के साथ काम कर रहे हैं।

कोट------

बांस राज्य में हरियाली बढ़ाएगा।पर्यावरण को शुद्ध बनाएगा।कोरोनावायरस के इस संकट काल में घर आए प्रवासी मजदूरों को सरकार बांस के जरिए कुटीर उद्योग भी उपलब्ध कराएगी जिससे उनके आर्थिक उन्नति का नया द्वार खुलेगा।

प्रो.एके चौधरी, प्रधान वैज्ञानिक टिशू कल्चर लैब टीएनबी कॉलेज भागलपुर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.