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कोरोना संक्रमितों की दलहीज तक प्राणवायु पहुंचा रहे अम्माजी के दूत

भागलपुर। कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां अपने भी पीड़ितों का साथ छोड़ रहे हैं

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 11:17 AM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 11:17 AM (IST)
कोरोना संक्रमितों की दलहीज तक प्राणवायु पहुंचा रहे अम्माजी के दूत
कोरोना संक्रमितों की दलहीज तक प्राणवायु पहुंचा रहे अम्माजी के दूत

भागलपुर। कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां अपने भी पीड़ितों का साथ छोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अम्माजी के दूत मानवता का धर्म निभा रहे हैं। संक्रमण से प्रभावित गरीबों और असमर्थ लोगों को निश्शुल्क प्राणवायु नि:स्वार्थ भाव से उपलब्ध करा रहे हैं। 30 सदस्य दिन-रात मानवता की सेवा में लगे हुए हैं। इनमें से किसी सदस्य की अगर मोबाइल की घंटी बज जाए तो यह मान लेते हैं कि किसी को मदद की दरकार है।

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70 लोगों को मुफ्त में उपलब्ध करा चुके हैं ऑक्सीजन सिलेंडर

फरवरी से अप्रैल के बीच भाई ढाई महीने में करीब 70 लोगों को उपलब्ध कराया गया है। या वैसे लोग हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जरूरतमंद भी। वहीं 40 वैसे लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया है जो सक्षम हैं, लेकिन उनसे सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर की रीफिलिग का ही चार्ज लिया गया। छोटे सिलेंडर का ढाई सौ और बड़े सिलेंडर का 450 रुपये लिए गया है।

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एक घटना ने दिखाया रास्ता

अम्माजी सेवा केंद्र के मुख्य सदस्य मुजफ्फर अहमद ने बताया कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान चाचा को एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत 1600 रुपये मांगी गई थी, जबकि सिलेंडर की कीमत 200 रुपये थी। उन्होंने बताया कि उसी समय लगा कि इस दिशा में सामाजिक स्तर पर कुछ पहल करनी चाहिए। भविष्य में कोरोना संक्रमण काल में ऐसी समस्या को देखते हुए 13 दिसंबर 2020 को ही संस्था की बुनियाद रख दी गई थी।

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संक्रमित पिता से किया परहेज, दूत ने दिया साथ

मुजफ्फर अहमद ने बताया कि शहर में ऐसी भी घटनाएं हो रही हैं, जहां पिता अगर कोरोना से संक्रमित हो गए है तो उन्हें कमरे में बंद कर रखा जाता है। ऐसे ही एक मामले में पीड़ित पिता के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का सहयोग मांगा था, लेकिन जब उनके अपार्टमेंट में पहुंचा तो बुजुर्ग पिता को कमरे में बंद कर रखा गया था। उनके स्वजन सिलेंडर तक नहीं पहुंचाना चाह रहे थे। तब मुजफ्फर अहमद ने खुद कंधे पर सिलेंडर लेकर संक्रमित बुजुर्ग के पास पहुंचे। साथ ही बुजुर्ग को बरामदे पर टहलाया भी। मुजफ्फर अहमद बताते हैं कि 20 दिन पहले वह खुद कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। इसके बाद भी सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ी।

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अम्माजी सेवा केंद्र का किया गठन

भागलपुर के रामसर चौक के समीप अम्माजी सेवा केंद्र का गठन 12 फरवरी को किया गया था। अम्माजी के नाम से भावनात्मक शब्द है। इससे लोगों को अपनत्व और पवित्रता का भाव उत्पन्न होता है। इसलिए शहर के 30 नौकरी पेशे से जुड़े लोगों ने इस केंद्र की शुरुआत की। सभी सदस्यों ने दो दो सिलेंडर दान देकर उपलब्ध कराया। इसके लिए करीब दो लाख रुपए जुटाए। सभी सदस्य प्रति माह 500 रुपए का आर्थिक सहयोग कर रहे हैं। इसमें से आठ सदस्य जयप्रकाश यादव, सुभाष रजक, बादशाह खान, अमिता सिन्हा, मुन्ना सोनकर और मुजफ्फर अहमद शामिल है जयप्रकाश यादव नगर निगम में कर शाखा प्रभारी की ड्यूटी करने के बाद देर रात तक लोगों की सेवा में लगे हैं। मुजफ्फर अहमद ने बताया कि जिनके परिजन ऑक्सीजन की मदद से बच रहे हैं वैसे आधा दर्जन लोग भी ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद कर दे रहे हैं।

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सिलेंडर लेने वालों की लंबी कतार

संगठन के लोगों का कहना है कि सीमित संसाधन के कारण अधिकांश जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर का लाभ नहीं पहुंचाने का भी मलाल है। लगातार मोबाइल पर बजती घंटी दूत की परेशानी बढ़ा दी है। इनके पास जितने सिलेंडर हैं उससे 4 गुना लोग मांग करने लगे हैं। फिर भी जुगाड़ जारी है। अकबरनगर और बरारी से सिलेंडर भरवाने के लिए दो लोगों को लगाया है।


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